लोकसभा में विधेयक पेश करने से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “आज ऐतिहासिक दिन है। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 देश के हित में लाया जा रहा है। हम राष्ट्र को लाभ पहुंचाने वाली हर पहल के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह विधेयक बहुत सोच-समझकर और तैयारी के साथ पेश किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। रिजिजू ने कहा, “मैं सदन में तथ्य प्रस्तुत करूंगा। अगर कोई विरोध करता है, तो वह तर्क के आधार पर करे, हम उसका जवाब देने को तैयार हैं।”
किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता, जिनमें धार्मिक नेता भी शामिल हैं, निर्दोष मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उदाहरण देते हुए कहा, “इन्हीं लोगों ने कहा था कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।”
उन्होंने दावा किया कि कई कांग्रेस नेता और विपक्षी दल निजी तौर पर इस विधेयक की जरूरत को स्वीकार करते हैं, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के चलते इसका विरोध कर रहे हैं।
रिजिजू ने यह भी कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हित में है और इसे लेकर किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करने के लिए वह सदन में पूरी पारदर्शिता के साथ तथ्य रखेंगे। विधेयक पर चर्चा के दौरान सभी पक्षों के तर्कों का जवाब देने की बात भी उन्होंने दोहराई।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बुधवार को निचले सदन लोकसभा में पेश होगा। इस पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। वक्फ अधिनियम, 1995 में पहली बार संशोधन नहीं किया जा रहा है। इस कानून में 2013 में यूपीए की सरकार के समय भी संशोधन हुए थे।
इस बिल पर बहस के लिए सत्ताधारी गठबंधन को 4 घंटे 40 मिनट का समय दिया गया है। लोकसभा में बहस के लिए भाजपा, कांग्रेस, जदयू, टीडीपी समेत पार्टियों ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है।