सुप्रीम कोर्ट से बागी शिवसेना विधायकों को राहत मिलने के बाद अब राज्य में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों के अनुसार रविवार तक महाराष्ट्र में नई सरकार बन सकती है। नई सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे।
सूत्रों के मुताबिक एक दो दिनों के भीतर बागी विधायको के नेता एकनाथ शिंदे मुंबई पहुंच कर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सदन में शक्ति परीक्षण की मांग को लेकर पत्र सौंपेंगे। राज्य की ठाकरे सरकार अल्पमत में आ चुकी है। सरकार के साथ रहे 50 विधायक गुवाहाटी में डेरा जमाए हुए हैं। एक संभावना यह भी है की भाजपा राज्यपाल से ठाकरे सरकार को सदन में बहुमत साबित करने की मांग कर सकती है।
ऐसी स्थिति में बागी विधायक विधानसभा सदन से गैरमौजूद रहेंगे जिससे सरकार खुद गिर जाएगी और राज्यपाल 106 विधायकों वाले सबसे बड़े दल भाजपा को नई सरकार बनाने का न्यौता दे सकेंगे। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता की माने तो रविवार तक राज्य में नई सरकार का गठन हो जायेगा। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने विधान सभा का विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग की है। पटोले ने कहा कि किसका बहुमत है यह जानने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले से पहले फ्लोर टेस्ट संभव: बांबे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति बीजी कोलसे पाटिल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से अपेक्षित था कि वह फ्लोर टेस्ट का आदेश देगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं किंतु सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक भी नहीं लगाई है। इसलिए निश्चित तौर पर सदन में शक्ति परीक्षण किया जा सकता है। शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास पर्याप्त संख्याबल है। ऐसे में फ्लोर टेस्ट को लेकर मुझे कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही है।
वरिष्ठ वकील उदय वारुंजेकर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर कोई रोक नहीं लगाई है। इसका अर्थ यहीं है कि फ्लोर टेस्ट का रास्ता पूरी तरह से साफ है। अधिवक्ता वारुंजेकर से सहमत अधिवक्ता असीम सरोदे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ विधायकों की अपात्रता पर निर्णय लेने से रोका है ऐसे में मुझे नहीं लगता है कि फ्लोर टेस्ट में कोई कानूनी दिक्कत आनी चाहिए।
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