वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि विकसित भारत (Viksit Bharat) का निर्माण केवल शहरों या औद्योगिक केंद्रों में नहीं, बल्कि देश के गांवों से होगा। उन्होंने जोर दिया कि भारत की प्रगति का असली आधार ग्रामीण भारत और वहां के किसान हैं, जिन्हें अब उद्यमी (entrepreneurs) के रूप में सशक्त किया जा रहा है।
सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक लेख का हवाला देते हुए कई पोस्ट साझा कीं। उन्होंने लिखा कि इस दृष्टि को साकार करने के लिए प्रत्येक जिले को प्रोसेसिंग हब में बदला जा रहा है, ताकि भारत की आर्थिक प्रगति का लाभ हर घर तक पहुंचे।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने ‘कल्याण संपदा’ (Kalyana Sampada) नाम से एक अम्ब्रेला ब्रांड तैयार किया है। इसके तहत प्रत्येक जिले को एक विशिष्ट कृषि उत्पाद या उत्पाद समूह की पहचान करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसे वैल्यू एडेड कमोडिटी के रूप में विकसित किया जा सके। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP)’ योजना के अनुरूप है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का ग्रामीण संस्करण मानी जा रही है।
"An umbrella brand of Kalyana Sampada was created, and each district was encouraged to identify an agri-product or a set of products that could be developed into value-added commodities.
The initiative aligns with Hon'ble Prime Minister Shri @narendramodi's vision of 'One… pic.twitter.com/wOy5Cxmu2n
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) October 27, 2025
सीतारमण ने कहा, “हर जिले में NABARD की सहायता से एक किसान उत्पादक कंपनी (FPC) को फूड प्रोसेसिंग और प्रशिक्षण इकाइयों के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। मैंने अपने MPLADS फंड्स का उपयोग कर स्थानीय किसानों तक एग्रो-प्रोसेसिंग सुविधाएं पहुंचाने में मदद की है।”
सीतारमण ने अपने पोस्ट में लिखा, “आज एग्रो-प्रोसेसिंग क्षेत्र को पूंजी, तकनीक और बाजार से जुड़ाव की आवश्यकता है। वैश्विक स्तर पर बढ़ते संरक्षणवाद के दौर में घरेलू खाद्य प्रसंस्करण क्षमता को मजबूत बनाना राष्ट्रीय सुरक्षा की प्राथमिकता है। खाद्य प्रसंस्करण में आत्मनिर्भरता न केवल वैश्विक संकटों से रक्षा करती है, बल्कि ग्रामीण समृद्धि भी सुनिश्चित करती है।”
"Agro-processing today demands capital, technology, and market linkages.
In an increasingly protectionist global environment, strengthening our domestic food processing capacity is a national security priority. Self-sufficiency in food processing ensures resilience against… https://t.co/bj77mhQxpo
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) October 27, 2025
उन्होंने आगे कहा कि भारत अब इस दिशा में अगले बड़े कदम के लिए तैयार है। सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) की भावना में केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इन सफल मॉडलों को देशभर में विस्तार देना चाहिए।
हाल ही में कर्नाटक में आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने किसानों को कृषि आय बढ़ाने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया था। उन्होंने वहां फार्मर्स ट्रेनिंग एंड कॉमन फैसिलिटी सेंटर और एक नई एग्रो-प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन किया था। इस दौरान उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, उर्वरक सहायता, वित्तीय सहयोग, और खाद्यान्नों व दालों के लिए बढ़े हुए MSP जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का ग्रामीण भविष्य अब किसानों की उद्यमशीलता से जुड़ा है और यही “विकसित भारत” की असली पहचान बनेगा।
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