बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को सौंप दिया। इसी के साथ नीतीश कुमार महागठबंधन से नाता तोड़ लिया। राज्यपाल ने नीतीश कुमार का इस्तीफा मंजूर कर लिया और अगली व्यवस्था तक उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है। नीतीश कुमार एनडीए दल का नेता चुने जाने के बाद वे दोबारा राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि” आज हमने अपना इस्तीफा दे दिया है और जो सरकार थी उसको समाप्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमने यह फैसला अपनी पार्टी के लोगों के साथ बातचीत कर लिया है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमने पूर्व के गठबंधन ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) एनडीए को छोड़कर नया गठबंधन (महागठबंधन) बनाया था, लेकिन इसमें भी स्थितियां ठीक नहीं लगी। जिस तरह के दावे और टिप्पणियां लोग कर रहे थे, वे पार्टी के नेताओं को ख़राब लग रहे थे। इस लिए हमने इस्तीफा दिया और हम अलग हो गए। वहीं, जब उन्हें “अवसरवादी होने के लगाए गए आरोप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इंडिया गठबंधन के गठन पर कहा कि हमने गठबंधन कराया, लेकिन कोई कुछ काम नहीं कर रहा था।.तो हमने बोलना छोड़ दिया। वहीं, बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि” सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुना लिया गया है,जब कि विजय सिन्हा उपनेता चुने गए हैं।
बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी के दो विधायक भी मंत्री बनेंगे। बता दें कि बिहार सरकार में उथल पुथल के साथ ही जीतन राम मांझी महत्वपूर्ण बन गए थे। उनकी पूछ परख बढ़ गई थी। शनिवार को राहुल गांधी ने जीतन राम मांझी से फोन पर बात कर इंडिया गठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया था। हालांकि, जीतन मांझी पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते रहे हैं।
बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार शाम 5 बजे बीजेपी के समर्थन से नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं, नीतीश कुमार के पाला बदलने से इंडिया गठबंधन बिखर गया। नीतीश कुमार ने ही सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम किया था। 2 जून 2023 को बिहार में इंडिया गठबंधन का ऐलान किया गया था। 23 जून को इस गठबंधन की पहली बैठक पटना में हुई थी। गठबंधन की खूब चर्चा हुई थी। इसी के साथ ही देश में भारत बनाम इंडिया की बहस छिड़ गई थी।
जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि” हमें अफ़सोस है कि हमने कांग्रेस को देश की राजनीति में स्वीकायता दिलाई। यह पार्टी राजनीति रुप से अछूत हो गई है। टीएमसी आओ , समाजवादी पार्टी आदि ने गैर बीजेपी ,गैर कांग्रेस मोर्चा बनाने की कोशिश की थी। यह सिर्फ नीतीश कुमार थे जिनकी वजह से इंडिया गठबंधन बना और कांग्रेस को फिर राजनीति में पुनः स्थापित करने और सम्मान दिलाने का काम हमने किया।
ये भी पढ़ें
नीतीश कुमार ही नहीं, ये बिहार के नेता भी पलटी मारने में हैं माहिर, देखें
5 साल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं नीतीश कुमार!
बिहार में उठापटक के बीच इतने महत्वपूर्ण क्यों हो गए जीतन मांझी? जाने
….. तो नीतीश कुमार बीजेपी के समर्थन से नौवीं बार बनेंगे सीएम!
इंडिया अलायंस को बड़ा झटका, नीतीश कुमार जल्द ही एनडीए में होंगे शामिल!