‘इंडिया’ अघाड़ी के गठन के बाद कांग्रेस और अन्य घटक दलों ने भाजपा को कड़ी चुनौती देने की भाषा का इस्तेमाल किया, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं कई पार्टियां अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रही हैं| बताया जा रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला किया है| भाजपा के साथ उनके शपथ ग्रहण समारोह के दो दिन बाद इस पर मुहर लग सकती है| पश्चिम बंगाल में तृणमूल की ममता बनर्जी और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है|
इसके बाद दूसरे राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां भी कांग्रेस को दुविधा में फंसाने की कोशिश कर रही हैं| उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं| यहां समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 11 सीटें ऑफर की हैं| समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स अकाउंट पर इसकी घोषणा की|
क्या बोले अखिलेश यादव?: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ”कांग्रेस के साथ हमारी 11 सीटों पर सहमति बन गई है| यह हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत है।’ जीत के समीकरण से हमारी बढ़त बनी रहेगी| भारत के नेतृत्व वाली टीम और पीडीए की रणनीति एक नया इतिहास रचेगी।” (पीडीए का मतलब है- पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) कांग्रेस यूपी की 80 में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, इसको लेकर बीच में चर्चा चल रही थी, लेकिन अब समाजवादी नेता अखिलेश के ऐलान से कांग्रेस को 11 सीटें मिलती दिख रही हैं|
प्रदेश कांग्रेस की नाराजगी: हालांकि समाजवादी पार्टी ने सीट बंटवारे का आंकड़ा घोषित कर दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस पर नाराजगी जताई है| राज्य के कांग्रेस नेताओं ने भी कहा है कि अखिलेश यादव ने यह एकतरफा फैसला लिया है और कांग्रेस इससे सहमत नहीं है| समाजवादी पार्टी ने 11 सीटें कांग्रेस और सात सीटें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के लिए छोड़ी हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में आधिकारिक गठबंधन नहीं किया, लेकिन समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस की परंपरागत सीटों रायबरेली और अमेठी में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था| राहुल गांधी ने अमेठी से और सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ा|
लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़े: लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 80 में से 62 सीटें जीतीं| समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया| सपा ने जिन 37 सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें से सिर्फ पांच सीटें ही जीत सकी। कांग्रेस ने 67 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उन्हें सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा| बसपा ने 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 10 सीटों पर उन्हें जीत मिली।
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