“NEET UG परीक्षा में कोई अनियमितता नहीं”, केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा!

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. परदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

“NEET UG परीक्षा में कोई अनियमितता नहीं”, केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा!

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NEET UG मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी| इसलिए देशभर के छात्रों के भाग्य का फैसला आज होने की संभावना है। सभी का ध्यान इस बात पर टिक गया है कि क्या NEET UG 2024 परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी| इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है| इस बीच केंद्र, एनटीए और सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है| इस हलफनामे में सरकार ने कई अहम बातें दर्ज की हैं|

छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कथित पेपर लीक मामले की दोबारा परीक्षा कराने और उचित जांच की मांग की गई है| मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी.परदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

केंद्र और एनटीए ने अदालत को सूचित किया है कि 5 मई को आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर कोई अनियमितता नहीं हुई थी। गुरुवार को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया​|​ इससे पहले बुधवार को केंद्र सरकार और एनटीए ने भी हलफनामा दाखिल किया था​| कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से पूछा था कि प्रश्न पत्र को कैसे सुरक्षित रखा गया, इसे परीक्षा केंद्र पर कैसे भेजा गया और पेपर कैसे लीक हो सकता है। पूरी प्रक्रिया के संबंध में अपना हलफनामा दाखिल करें| अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि अदालत जांच की प्रगति और कथित पेपर फाड़ने के नतीजे से संतुष्ट नहीं है, तो अंतिम उपाय के रूप में दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जाएगा।

केंद्र ने हलफनामे में क्या कहा?: आईआईटी मद्रास को डेटा विश्लेषण के माध्यम से अनियमितताओं में शामिल लोगों की जांच करने के लिए कहा गया है। उच्च अंक प्राप्त करने वालों के डेटा विश्लेषण से बड़ी अनियमितताएं सामने नहीं आईं। क्योंकि ग्राफ ऊपर जाते ही नीचे चला जाता है| एहतियात के तौर पर परीक्षा के साथ-साथ जुलाई के तीसरे सप्ताह में नीट काउंसलिंग आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। काउंसलिंग चार चरणों में आयोजित की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार का लाभ उठाने वाले छात्र की पहचान कर इन चार चरणों में जांच की जाएगी। केंद्र सरकार NEET की दोबारा परीक्षा के पक्ष में नहीं है​|​ क्योंकि, केंद्र ने अपने हलफनामे में कोर्ट को बताया है कि दोबारा परीक्षा का भार 23 लाख अभ्यर्थियों पर पड़ेगा​|​

बढ़े हुए अंकों का कारण क्या है?: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया है कि NEET परीक्षा में कोई कदाचार या कोई अनियमितता नहीं हुई थी। आईआईटी मद्रास के एक अध्ययन के अनुसार, छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों में समग्र वृद्धि हुई है। खासकर 550 से 720 प्वाइंट के बीच बढ़ोतरी है| स्कोर में यह बढ़ोतरी लगभग सभी शहरों और केंद्रों में देखी गई है। इसकी वजह पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत की कटौती है|

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