शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई दे रही है| पात्रा चॉल से जुड़े घोटाले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने संजय राउत को 4 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है| आपको बात दें कि कोर्ट द्वारा संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोई राहत नहीं दी गयी है|
बता दें कि ईडी द्वारा शिवसेना नेता को पात्रा चॉल घोटाले मामले में पूछताछ के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन संजय राउत द्वारा हर बार कोई न कोई वजह बताकर टालने की कोशिश की जा रही थी| इसी बीच गत दिनों पहले ईडी ने भांडुप स्थित मैत्री बंगले पर छापामारी और राउत से लगभग 9 घंटे तक पूछताछ की| इसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर ईडी कार्यालय ले गयी|
ईडी ने शिवसेना नेता को सोमवार,1 अगस्त 2022 को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया| कोर्ट में संजय राउत के वकील अशोक मुंदरगी और ईडी की ओर से हितेन वेनेगावकर के बीच पात्रा चॉल मामले को लेकर जमकर बहस हुई| इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील की ओर से तर्क दिया गया की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक प्रवीण राउत कोई निवेश नहीं किया| उन्हें 112 करोड़ रूपये मिले| ईडी जांच में खुलासा हुआ है कि संजय और वर्षा राउत के खाते में एक करोड़ 60 लाख रूपये ट्रांसफर किये गए थे|
ईडी के वकील हितेन ने बहस के दरम्यान कोर्ट को बताया कि उक्त संबंध में 4 बार नोटिस दी गयी,लेकिन वे सिर्फ एक बार ही ईडी के समक्ष प्रस्तुत हुए| वकील ने कहा कि संजय राउत सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को धमकाने की भी कोशिश की| वही ईडी का पक्ष रखते हुए हितेन ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि राउत परिवार मनी लॉन्ड्रिंग मामले संलिप्त है| ईडी के वकील ने शिवसेना नेता संजय राउत की 8 दिन की हिरासत मांगी थी,लेकिन कोर्ट ने उन्हें 4 अगस्त तक ईडी हिरासत में पूछताछ के लिए भेजा गया है|
दूसरी ओर शिवसेना नेता संजय राउत के वकील अशोक मुंदरगी ने कोर्ट से कहा कि हमारे मुवक्किल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है| वही राउत के बीमारी का हवाला देते हुए, इससे जुड़े कागजात प्रस्तुत किये गए|
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