अमेरिका में इम्मीग्रेशन लेकर राजनीतिक तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सभी देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। नोएम ने अपने बयान में तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए दावा किया कि अमेरिका उन देशों से आने वाले लोगों के कारण बोझ झेल रहा है, जिन्होंने देश में अपराधियों और परजीवियों की बाढ़ ला दी है। यह टिप्पणी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर की गई, जिसके तुरंत बाद ट्रंप ने उसे रीपोस्ट किया, हालांकि उन्होंने कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं जोड़ी।
नोएम ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात की है और उनसे आग्रह किया है कि उन सभी देशों पर प्रतिबंध लगाया जाए जहां से अमेरिका में अनियंत्रित प्रवासन बढ़ रहा है। उन्होंने तीखे आरोप लगाते हुए प्रवासियों को ‘ foreign invaders’ अर्थात विदेशी आक्रमणकारी बताया और दावा किया कि यह स्थिति अमेरिकी नागरिकों के लिए नुकसानदायक बन चुकी है। उन्होंने लिखा कि अमेरिका बलिदान, मेहनत और स्वतंत्रता के मूल्य पर बना है और वह नहीं चाहतीं कि देश ऐसे लोगों के बोझ तले दब जाएं जिन्हें उन्होंने वर्णित किया।
उनके बयान की पृष्ठभूमि व्हाइट हाउस के पास एक अफगान नागरिक पर दो नेशनल गार्ड सदस्यों को गोली मारने की घटना है। हमले में एक अधिकारी की मौत हो गई, जबकि दूसरा अभी भी गंभीर स्थिति में है। इस घटना के बाद व्हाइट हाउस में सुरक्षा और आव्रजन संबंधी बहस और तेज हो गई है।
इससे पहले जून 2025 में ट्रंप प्रशासन ने अफगानिस्तान, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अक्टूबर में शरणार्थी प्रवेश सीमा को घटाकर 7,500 कर दिया गया, जो अब तक का सबसे कम स्तर है।
हाल के दिनों में सरकार ने इमिग्रेशन कानूनों पर और कड़े कदम उठाए हैं। व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी की घटना के बाद ट्रंप ने देश में मौजूद सभी प्रवासियों के लिए आश्रय प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया। साथ ही 19 देशों से आए ग्रीन कार्ड धारकों की समीक्षा भी तेज कर दी गई है, जिनमें ज़्यादातर मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों के नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा अफगान नागरिकों के प्रवेश पर सीधा प्रतिबंध भी लागू किया गया है।
ट्रंप ने हाल ही में यह भी कहा था कि वह सभी तीसरी दुनिया के देशों से आव्रजन को स्थायी रूप से रोकना चाहते हैं और “रिवर्स माइग्रेशन” की अवधारणा पर भी विचार कर रहे हैं। यह विचार विवादित है क्योंकि इसमें कुछ ऐसे लोगों की नागरिकता की समीक्षा की बात शामिल है जो पहले से अमेरिका में बस चुके हैं और जिनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को प्रशासन “अमेरिकी मूल्यों के अनुरूप नहीं” मानता है।
नोएम के बयान और ट्रंप के हालिया कदमों ने अमेरिका की आव्रजन नीति पर एक नए राजनीतिक संघर्ष को जन्म दे दिया है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा प्रशासन, विपक्ष, मानवाधिकार समूहों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच और अधिक तीखी बहस का कारण बनने की संभावना है।
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