मुंबई। एक धर्म विशेष की पार्टी बन चुकी कांग्रेस पार्टी ने मुंबई युवक कांग्रेस से उत्तरभारतीय नेता सुरज सिंह ठाकुर की छुट्टी करने के बाद प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में जहां मुस्लिम समुदाय के 33 नेताओं को पदाधिकारी बनाया है वहां केवल दो उत्तरभारतीयों को स्थान मिला है। जबकि 33 प्रतिशत महिला आरक्षण की वकालत करने वाली पार्टी ने अपनी प्रदेश कमेटी में महिलाओं को केवल 9 फीसदी भागीदारी दी है।
हालांकि पार्टी का दावा है कि प्रदेश कांग्रेस की नई टीम में समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। इसको लेकर पार्टी ने जाति, समुदाय, लिंग, क्षेत्र व आयु का विश्लेषण कर सूची जारी की है। इसमें अल्पसंख्यक, पंजाबी, गुजराती व तेलगु समुदाय का उल्लेख है पर ‘उत्तरभारतीय’ नहीं हैं। 190 सदस्यों वाली कमेटी में सिर्फ दो उत्तरभारतीय राजेश शर्मा (मुंबई) को महासचिव और आनंद सिंह (नई मुंबई) को सचिव बनाया गया है। शर्मा पहले भी प्रदेश महासचिव थे। इसको लेकर पार्टी के उत्तरभारतीय नेताओं में नाराजगी है।
पार्टी के एक उत्तरभारतीय नेता ने कहा कि मुंबई के अलावा ठाणे, नई मुंबई, भिवंडी, नाशिक, औरंगाबाद व नागपुर में बड़ी संख्या में उत्तरभारतीय रहते हैं पर पार्टी ने उत्तरभारतीय समाज को पूरी तरह नजरअंदाज किया है जबकि उत्तरभारतीय लंबे समय से कांग्रेस के परंपरागत मतदाता रहे हैं। दूसरी ओर मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार रहे अमरजीत सिंह मनहास को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस का कोषाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि लंबे समय से मुंबई कांग्रेस के पदाधिकारी रहे जाकिर अहमद को प्रदेश कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया है।
मनहास 15 वर्षों तक मुंबई कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे हैं। राज्य की सत्ता से बेदखल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई थी। प्रदेश कांग्रेस चलाने के लिए सभी प्रदेश पदाधिकारियों को हर माह एक-एक हजार रुपए का चंदा देने को कहा गया था पर अधिकांश पदाधिकारी यह चंदा देने से कन्नी काट जाते थे। मनहास लंबे समय तक सफलतापूर्वग मुंबई कांग्रेस का कोष संभाल चुके हैं। उनके अनुभव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस का कोष सौपा है।
दो किन्नर भी
प्रदेश कांग्रेस की 190 सदस्यों वाली भारी भरकम कमेटी में दो किन्नरों को भी शामिल किया गया है। पर 33 फीसदी महिला आरक्षण का समर्थन करने वाली पार्टी की कार्यकारिणी में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 9 फीसदी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की कमेटी में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व विदर्भ को मिला है। दूसरी ओर नई कमेटी में उत्तरभारतीयों को मामूली प्रतिनिधित्व मिलने पर पार्टी के उत्तरभारतीय नेताओं में नाराजगी है।