दिल्ली/लखनऊ/मुंबई। RSS की दिल्ली की बैठक में साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ने का फैसला लिया गया है। दूसरे पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चेहरा नहीं होंगे। संघ का मानना है कि क्षेत्रीय नेताओं के मुकाबले प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को सामने रखने से उनकी छवि को नुकसान हुआ है। विरोधी बेवजह उन्हें निशाना बनाते हैं। संघ किसी भी नेता को अलग करने या नाराजगी के साथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। RSS की दिल्ली में हुई बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की मौजूदगी में ये निर्णय लिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में बंगाल के चुनावों को लेकर गंभीर चिंतन और समीक्षा की गई।
संघ नेताओं का मानना है कि बंगाल के विधानसभा चुनावों में ममता बनाम मोदी की रणनीति से नुकसान हुआ। सूत्रों के मुताबिक एक और अहम बात पर गंभीरता से विचार किया गया है कि इस बार UP विधानसभा चुनावों में BJP मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारे। इससे उसकी मुस्लिम विरोधी छवि बनाने का मौका विरोधियों को नहीं मिलेगा। इस पर अंतिम फैसला पार्टी को करना है। पिछले चुनाव में BJP ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था।
RSS के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक भले ही आप ना मानें, लेकिन यह सच है कि मोदी-योगी के बीच कोई विवाद नहीं है और यूपी भाजपा के ट्विटर अकाउंट या पोस्टर से मोदी की फोटो हटाने की वजह विधानसभा चुनाव योगी के चेहरे के साथ लड़ने का निर्णय ही है।
दोनों नेताओं को साथ काम करने और इस छवि को मजबूत करने के लिए कहा गया है। अब यूपी के पोस्टर पर योगी आदित्यनाथ के अलावा यूपी भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा दिखाई देंगे। दो दिन चली बैठक में सरसंघचालक सिर्फ एक दिन के लिए ही रहे और वे नागपुर से दिल्ली आकर फिर नागपुर लौट गए। संघ की इस बैठक में क्षेत्रीय मुख्यालयों के प्रभारी और अन्य जिम्मेदारियों पर भी निर्णय किए गए हैं। इसमें सबसे अहम है सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को मुख्यालय नागपुर के बजाय लखनऊ होगा।