वित्त मंत्री: भारत की आकांक्षाओं का पूरक है न्युक्लियर स्मॉल मॉडुलर रिएक्टर प्रोग्राम!

भारत सरकार का उद्देश्य है 2047 तक 100 गी वाट का उत्पादन करना जबकि अभी 8 गी वाट है| पिछले कई वर्षों से भारत में एस.एम.आर की तकनीक पे काम चल रहा है|

वित्त मंत्री: भारत की आकांक्षाओं का पूरक है न्युक्लियर स्मॉल मॉडुलर रिएक्टर प्रोग्राम!

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट में सिविल न्युक्लियर प्रोग्राम पर ज़ोर देते हुए न्युक्लियर एनर्जी मिशन की शुरुआत की है, जिसमें केंद्र सरकार ने स्मॉल मॉडुलर रिएक्टर बनाने के लिए 20,000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित किया है| वित्त मंत्री के अनुसार 5 रिएक्टर पावर प्लांट 2033 तक चालू हो जायेंगे|

भारत सरकार का उद्देश्य है 2047 तक 100 गी वाट का उत्पादन करना जबकि अभी 8 गी वाट है| पिछले कई वर्षों से भारत में एस.एम.आर की तकनीक पे काम चल रहा है, लेकिन प्राइवेट कंपनियों को उतना उत्साह सरकार की ओर से नहीं मिल पा रहा, जिससे ये कार्य जल्दी से आगे बढ़ सके| सरकार की ओर सहायता मिलना एनर्जी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के मनोबल को मज़बूत करता है| निवेश बाजार में भी इस घोषणा का असर देखने को मिल रहा है|

एनर्जी में काम कर रही भेल जैसी कंपनियां काफी मुनाफा कमा रही हैं और शेयर बाजार में एनर्जी क्षेत्र की कंपनियों के शेयर्स तेज़ी उछाल मार रहे हैं| इस बार के बजट ने शेयर बाजार की कई संभावनाओं को पीछे छोड़कर कई ऐसे कदम उठाये हैं, जिससे जनहित का तथा छोटे व्यापारियों को राहत देने का काम किया है|

दुनिया भर में नवीकरणीय स्त्रोतों से उपजित एनर्जी की मांग बढ़ रही है जिसमें पानी, वायु और सोलर अभी तक सबसे प्रमुख विकल्प हुआ करते थे लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण यह भी अब उतना उत्पादन नहीं कर पा रहे है जितनी मांग है| इसीलिए न्युक्लियर एक सफल और सुरक्षित विकल्प है जिससे देश में एनर्जी डिमांड को पूरा किया जा सकता है|

सरकार का यह कदम सराहनीय है|अब देखना यह है कि इतने नतीजे ककिंति जल्दी देखने को मिल सकते हैं क्यूंकि वीयपक्ष का हमेशा ही यह वार रहता है सरकार पर की सरकार की गतिविधियां देश की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं चलती हैं, जिससे हम अपने पडोसी देश चीन से एनर्जी के क्षेत्र में काफी पीछे चल रहे हैं|

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