मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री द्वारा ओबीसी आंदोलन की अनदेखी; ​अनशन​ पर स्वास्थ्य ​बिगड़ा !

इसी तरह अनशनकारी रवींद्र टोंगे की हालत 11वें दिन बिगड़ गई है। नेशनल ओबीसी फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि अगर टोंगावासियों की जिंदगी खराब हुई तो पूरे राज्य में इसका प्रकोप फैल जाएगा​|​बारिश में भी आंदोलन जारी है​|​

मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री द्वारा ओबीसी आंदोलन की अनदेखी; ​अनशन​ पर स्वास्थ्य ​बिगड़ा !

Ignoring OBC movement by Chief Minister, Deputy Chief Minister; Health deteriorated due to hunger strike!

मराठा मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और फड़णवीस पहले दिन से ही ओबीसी आंदोलन को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसी तरह अनशनकारी रवींद्र टोंगे की हालत 11वें दिन बिगड़ गई है। नेशनल ओबीसी फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि अगर टोंगावासियों की जिंदगी खराब हुई तो पूरे राज्य में इसका प्रकोप फैल जाएगा|बारिश में भी आंदोलन जारी है|

नेशनल ओबीसी फेडरेशन ऑफ स्टूडेंट्स के जिला अध्यक्ष रवीन्द्र टोंगे 11 दिनों से अन्न-जल त्याग कर उपवास पर हैं|अभी तक वन मंत्री मुनगंटीवार को छोड़कर सरकार के किसी भी मंत्री ने उनसे मुलाकात नहीं की है|मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार मराठा समुदाय से हैं। इसलिए उन्होंने मराठा समुदाय के मनोज जारांगे की भूख हड़ताल का दौरा किया|उपवास मंडप में स्वास्थ्य सेवाएं एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गयीं|राज्य सरकार के चार मंत्री हर दिन जारांगे से मुलाकात कर रहे थे|

जैसे ही जारांगे पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री आएंगे तो हम अनशन तोड़ देंगे​, लेकिन यहां रवींद्र टोंगे 11 दिनों से अन्न-जल त्याग कर ओबीसी समुदाय के न्याय के अधिकार के लिए धरना दे रहे हैं| मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री ने साधारण फोन करके भी उनके बारे में नहीं पूछा। इसलिए ओबीसी समाज मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के प्रति कड़ा गुस्सा जाहिर कर रहा है​|

आज अनशन के 11वें दिन टोंगे की हालत बिगड़ गई|उन्हें सलाइन चढ़ाया गया है|यदि उनका जीवन ख़राब हो गया तो राज्य में महामारी फैल जाएगी। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने चेतावनी दी है कि इस प्रकोप के लिए मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री पवार पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।
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