महाराष्ट्र में मराठा परिवार जिनके पास कुनबी रिकॉर्ड हैं, उन्होंने कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है। मराठा आरक्षण विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। हालांकि, राज्य के कुछ ओबीसी नेताओं ने इसका विरोध किया है क्योंकि मराठों को उनके कुनबी रिकॉर्ड के कारण ओबीसी आरक्षण में शामिल किया जाएगा। दूसरी ओर, मनोज जरांगे पाटिल ने मांग की है कि जिनके पास निज़ाम के समय के कुनबी रिकॉर्ड हैं, जिनके पास कुनबी होने का सबूत है, उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। इसलिए राज्य में ओबीसी और मराठों के बीच संघर्ष शुरू हो गया है|
मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर दोनों समुदायों के नेता आमने-सामने आ रहे हैं| इस मुद्दे पर राज्य सरकार के कुछ मंत्री एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गये हैं| मराठा आरक्षण को लेकर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल लगातार अलग-अलग बयान दे रहे हैं, इसलिए भुजबल मराठा आंदोलनकारियों के निशाने पर हैं| राज्य में कुछ ओबीसी नेता भी कुनबी जाति प्रमाणपत्र का विरोध कर रहे हैं|
राज्य में ओबीसी बनाम मराठा विवाद पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है| सांसद राऊत ने कहा, मराठा-ओबीसी मुद्दे पर कैबिनेट में गैंगवार चल रही है। मुझे लगता है कैबिनेट मीटिंग में एक-दो मंत्री लड़ेंगे. कैबिनेट बैठक में गुटबाजी चल रही है| ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि एक मंत्री दूसरे मंत्री पर भारी पड़ रहा है।
संजय राउत के इस दावे पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने प्रतिक्रिया दी है| मुश्रीफ ने कहा, जैसा कि राउत कह रहे हैं, इसमें कोई विवाद नहीं है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी मंत्री सम्मान पूर्वक बात करें| राज्य कैबिनेट की बैठक में कोई विवाद नहीं हुआ| अगर संजय राउत ऐसा कुछ साबित कर सकते हैं, अगर वह यह साबित कर सकते हैं कि विधायकों ने एक-दूसरे पर गाड़ी चढ़ा दी, तो हम कैबिनेट से इस्तीफा दे देंगे|
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