‘हैदराबाद निवेशक सम्मेलन’ में ओडिशा को मिले ₹67,000 करोड़ के बड़े निवेश प्रस्ताव

56,000 से अधिक नौकरियों निर्माण होने की संभावना। फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइसेज़, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, वस्त्र एवं तकनीकी वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और डेटा सेंटर, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और सहायक उद्योगों जैसे प्रमुख और उभरते क्षेत्रों में उद्योग जगत की मजबूत भागीदारी देखने को मिली है।

‘हैदराबाद निवेशक सम्मेलन’ में ओडिशा को मिले ₹67,000 करोड़ के बड़े निवेश प्रस्ताव

odisha-investment-proposals-hyderabad-summit

ओडिशा सरकार को हैदराबाद में आयोजित दो दिवसीय निवेशक सम्मेलन से करीब ₹67,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस सम्मेलन का नेतृत्व मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया, जिसमें राज्य को विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के लिए एक उभरते गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया। अधिकारियों के अनुसार, इस निवेश से राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने और 56,000 से अधिक रोजगार सृजन की संभावना है।

सम्मेलन के दौरान कुल 13 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनकी कुल निवेश क्षमता ₹27,650 करोड़ आंकी गई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 15,905 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। इसके अलावा, ₹39,131 करोड़ के अतिरिक्त निवेश भी सामने आए हैं, जिनसे 40,000 से अधिक रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उद्योग जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, “ओडिशा भारत के विकास इंजन के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है। ओडिशा निवेशक सम्मेलन निवेश की मंशा को ज़मीन पर उतारने और दीर्घकालिक साझेदारियां बनाने का मंच है।” उन्होंने कहा कि राज्य नीति स्थिरता, प्रतिस्पर्धी लागत और निवेशक-अनुकूल प्रशासनिक ढांचे के जरिए खुद को भविष्य के लिए तैयार निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहा है।

इस निवेशक सम्मेलन में फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइसेज़, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, वस्त्र एवं तकनीकी वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और डेटा सेंटर, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग और सहायक उद्योगों जैसे प्रमुख और उभरते क्षेत्रों में उद्योग जगत की मजबूत भागीदारी देखने को मिली। आयोजन का उद्देश्य उद्योग नेताओं के साथ सीधे संवाद, ओडिशा के विविध औद्योगिक इकोसिस्टम का प्रदर्शन और प्राथमिक तथा उभरते क्षेत्रों में निवेश निर्णयों को तेज करना था। सम्मेलन में 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने ‘पूर्वोदय’ की राष्ट्रीय परिकल्पना का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के औद्योगिक विकास की भौगोलिक दिशा बदल रही है और ओडिशा इसमें एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभर रहा है। उन्होंने राज्य की रणनीतिक खूबियों में लंबी समुद्री तटरेखा, पोर्ट-आधारित विकास, विस्तारित औद्योगिक कॉरिडोर और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को रेखांकित किया, जो ओडिशा को घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए एक स्वाभाविक प्रवेश द्वार बनाती हैं।

उद्योग मंत्री संपद चंद्र स्वाइन ने कहा, “ओडिशा निवेशक सम्मेलन में मिली मजबूत प्रतिक्रिया राज्य की नीतिगत रूपरेखा और शासन मॉडल में उद्योग के भरोसे को दर्शाती है। सरकार प्रभावी क्रियान्वयन, निरंतर संवाद और निवेशकों को निर्बाध सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है।” इस सम्मेलन के जरिए ओडिशा ने निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है, जिसे राज्य के औद्योगिक विकास के लिए अहम माना जा रहा है।

यह भी पढ़ें:

अमेरिका का ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ शुरू; सीरिया में ISIS ठिकानों पर हमलें

तोशाखाना मामले में इमरान खान और बुशरा बीबी को17 साल की सजा

एपस्टीन फाइल्स के पहले बैच से निकली बिल क्लिंटन की ‘हॉट टब’ तस्वीरें

भारतविरोधी कट्टरपंथी हादी के जनाज़े से पहले ढाका में बॉर्डर गार्ड की तैनाती

Exit mobile version