वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक के दोनों सदनों से पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इसे “सामाजिक न्याय और पारदर्शिता की दिशा में ऐतिहासिक क्षण” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम लंबे समय से हाशिए पर रहे समुदायों, विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा समाज के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा।
प्रधानमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में साझा किए गए बयानों में कहा,“संसद के दोनों सदनों से वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का पारित होना देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को सामने लाता है।”
मोदी ने उन सांसदों का आभार जताया जिन्होंने विधेयक पर चर्चा में भाग लिया और जनता का भी धन्यवाद किया जिन्होंने संसदीय समिति को सुझाव भेजे। उन्होंने कहा, “दशकों से वक्फ व्यवस्था में पारदर्शिता की भारी कमी थी, जिससे खासकर मुस्लिम महिलाओं और पसमांदा समाज के अधिकारों का हनन होता रहा। ये विधेयक न केवल पारदर्शिता बढ़ाएंगे, बल्कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।”
पीएम मोदी ने वादा किया कि देश अब एक आधुनिक और सामाजिक न्याय आधारित प्रणाली की ओर बढ़ेगा, जहां हर नागरिक की गरिमा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
गौरतलब है कि लोकसभा ने यह विधेयक 3 अप्रैल को 288 मतों से पारित किया था, जबकि 232 सांसदों ने विरोध किया। इसके बाद 4 अप्रैल को राज्यसभा में यह विधेयक 128 मतों से पास हुआ, जहां 95 सांसदों ने विरोध किया। संसद में लगभग 14 घंटे तक चली तीखी बहस के बाद यह कानून पारित हुआ।
प्रधानमंत्री के इस बयान के साथ, सरकार ने साफ संकेत दिया है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और जवाबदेही अब अनिवार्य होगी।
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