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Friday, September 20, 2024
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बालासाहेब ठाकरे की जयंती के अवसर पर विधान भवन के केंद्रीय कक्ष में उनके तैलचित्र का अनावरण किया गया।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस तैल चित्र का अनावरण किया।

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शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की जयंती के अवसर पर आज विधान भवन के केंद्रीय कक्ष में उनके तैलचित्र का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस तैल चित्र का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे। उधर, राज ठाकरे और अजित पवार समेत दिग्गज नेता विधान भवन में मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, आज का दिन सभी के लिए महत्वपूर्ण और खुशी का दिन है। बालासाहेब के विचार और प्रभाव हम पर था। इसलिए हम यहां पहुंचे हैं। हमने बालासाहेब के विचारों की सरकार स्थापित की। बालासाहेब ने लोकतंत्र को सही मायने में लागू किया। बालासाहेब के कारण ही सत्ता आम लोगों तक पहुंची। उन्हें राजनीति में मौका मिला।

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, किसान का बेटा हूं लेकिन विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बनने का जादू बाला साहेब ठाकरे का है। उनके विचार सभी को शक्ति और ऊर्जा प्रदान करते हैं। अन्याय सहन न करें। अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करना बाला साहेब की शिक्षा है। उनके बारे में बोलते समय भावुक हो जाता है।

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, बालासाहेब के शब्द हैं। हमने शब्दों को छोटा न करने का उनका सबक सीखा। उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ना सिखाया। इसलिए इस महाराष्ट्र में कई घटनाएं हुईं। अंत में, साहस महत्वपूर्ण है। हिम्मत करने के लिए हिम्मत और ताकत चाहिए। उसके लिए गुरु को भी इतना बहादुर होना चाहिए। बालासाहेब हमारे परिवार के मुखिया थे, गुरुस्थानी।

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, बालासाहेब कट्टर हिंदू थे। उनमें देशभक्ति की भावना भरी हुई थी। उन्होंने कभी भी वोटों की खातिर राजनीति नहीं की। सत्ता तो स्थापित हो जाती लेकिन उन्होंने सत्ता के लिए समझौता नहीं किया। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए समझौता नहीं किया। उन्होंने अपने विचारों से समझौता नहीं किया। यह बात हमने भी उनसे सीखी है। यह शिक्षा उन्हीं की है। हम उनके आदर्शों पर चलकर काम कर रहे हैं। संयुक्त महाराष्ट्र का आंदोलन हो या मराठी अस्मिता का, उन्होंने इसके लिए एक बड़ा फलक तैयार किया।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, बालासाहेब मुंबई के सागर की तरह थे। जरूरत पड़ने पर टेम्पेस्ट, शांत और गहरे होने के साथ-साथ व्यक्तित्व और विचारों में भी गहरे। वह सभागार के प्रति आकर्षित नहीं थे। बालासाहेब की महानता का अनुभव विरोधियों ने भी किया। बालासाहेब के प्रति समाज के सभी वर्गों में स्नेह था। देवेंद्र फडणवीस ने कहा, उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय, पिछड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व किया। उनके जैसा नेता वांछनीय है। लेकिन कई बार ऐसे लोगों को किस्मत से हारना भी पड़ता है। यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि उन्होंने जो शिद्दत सिखाई वह हमारे बीच हमेशा बनी रहे।

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आज विधान भवन में होगा बालासाहेब ठाकरे के तैल चित्र का अनावरण!

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