मंगलवार (17 दिसंबर) लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय न्याय एवं कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा प्रस्तुति के बाद ‘One Nation, One Election’ यानि ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चार दशकों से लंबित विधेयक को स्वीकृत किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा में बिल के समर्थन में 269 वोट्स पड़ें है, जबकि बिल के विरोध में मात्र 198 वोट्स गिरे, जिसके बाद सदन में ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल स्वीकार हो गया है। इसी के साथ सत्ता पक्ष की तरफ से कहा गया है की इसे JPC के लिए भेजा जा सकता है। हालांकि इस लोकसभा ने बहुमत से इस बिल को स्वीकार किया है।
विधेयक को पुर:स्थापित किए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोपहरनए संसद भवन में पहली बार किसी विधेयक पर मत विभाजन हुआ और यह भी पहली बार था कि इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन हुआ। हालांकि विधेयक पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब मंत्रिमंडल में चर्चा के लिए विधेयक आया था, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं ही मंशा जताई थी कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विचार के लिए भेजा जाना चाहिए।
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विपक्षी दलों ने विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है और देश को ‘तानाशाही’ की तरफ ले जाने की ओर कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए। कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित विधेयक राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, बल्कि यह विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत है।
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