निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेंपा त्सेरिंग ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद पर कार्रवाई करना था। आतंकवाद के प्रति हर जगह जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए। भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से जो कदम उठाया, वह बहुत ही रणनीतिक और व्यवस्थित था। यह पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों का जवाब देने के लिए भारत सरकार का एक मजबूत कदम था।”
उन्होंने कहा, “आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस जरूरी है, क्योंकि इसका मानवता में कोई स्थान नहीं है। पहलगाम जैसे हमलों में निर्दोष पर्यटकों की हत्या करना मानवता के खिलाफ है। यह कोई संघर्ष नहीं है और इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जवाब देना होगा। हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए पूर्ण समर्थन में हैं।”
बता दें कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। इस आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
उल्लेखनीय है कि देश में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी बयानबाजी चरम पर है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जवाब दिया था। उन्होंने लोकसभा में कहा था कि दुनिया के किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से नहीं रोका था।
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