संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा किया था। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करने के निर्देश देकर सेना के हाथ बांध रखें थे। इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा विरोध जताते हुए राहुल गांधी पर संसद की गरिमा और देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा, “आप हर समय झूठ क्यों बोलते रहते हैं? कई विपक्षी नेता संसदीय मर्यादाओं का पालन करते रहे हैं, लेकिन आपने न केवल अपना कद गिराया, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया है।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एयर चीफ मार्शल की स्पष्ट टिप्पणी के बाद कांग्रेस को शर्मिंदा होना चाहिए। सरमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने भारत की सैन्य क्षमताओं को लेकर झूठ फैलाया और पाकिस्तान-प्रेरित दुष्प्रचार अभियान को हवा दी, जिसे तथ्यों और सबूतों के साथ खारिज किया जा चुका है।
इस बीच, वायुसेना प्रमुख ने शनिवार (9 अगस्त) को ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और सफलता के कारणों को विस्तार से बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए यह ऑपरेशन पूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति और स्पष्ट निर्देशों के साथ संचालित किया गया। उन्होंने साफ किया कि इस अभियान में वायुसेना पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं थी और उसे योजना बनाने व उसे क्रियान्वित करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई थी।
वायुसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि ऑपरेशन के दौरान छह पाकिस्तानी विमान मार गिराए गए थे। उन्होंने कहा, “अगर कोई प्रतिबंध थे, तो वे स्वयं-निर्मित थे। तीनों सेनाओं ने मिलकर संलग्नता के नियम तय किए थे और हम यह नियंत्रित कर रहे थे कि वृद्धि किस स्तर तक ले जानी है।”
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