सामान्य शिवसैनिक मुख्यमंत्री हुआ, ठाकरे को नहीं दिखता – भातखलकर  ​

​सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बहुमत का परीक्षण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। फिर भी, वह फिर से सुप्रीम कोर्ट जाना चाहते है। इससे यह सिद्ध होता है कि एक साधारण शिवसैनिक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं ​देखना​ चाहते हैं​।

सामान्य शिवसैनिक मुख्यमंत्री हुआ, ठाकरे को नहीं दिखता – भातखलकर  ​
एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ​को उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में शिंदे सरकार की स्थापना के खिलाफ शिवसेना की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी| शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि विधायकों की अयोग्यता याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई आज होनी चाहिए| हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
इस पर भाजपा​​ विधायक अतुल भा​​खलकर ने ​अपनी ​प्रतिक्रिया दी है|​ भाजपा विधायक ने कहा कि ​उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की पूरी कोशिश की। वे अब विधानसभा का सामना किए बिना कानूनी रास्ते पर जा रहे हैं। इससे साबित होता है कि तब भी वह मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने जनादेश को खारिज कर दिया। महाराष्ट्र की पीठ में खंजर​ खोपा​ है|​​

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बहुमत का परीक्षण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। फिर भी, वह फिर से सुप्रीम कोर्ट जाना चाहते है। इससे यह सिद्ध होता है कि एक साधारण शिवसैनिक उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना​ चाहते हैं​​ अतुल भातखलकर ने कहा कि वे बहुमत परीक्षण से डरते हैं। अगर डर नहीं होता, तो इससे निपटा जाता। वे सामने नहीं आए हैं। उन्होंने अटलजी की तरह ऐसा क्यों नहीं किया। यह जानते हुए कि बहुमत नहीं है, उनके पास केवल मुझे और मेरे बेटे को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री के रूप में होना चाहिए।

एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तत्काल बहुमत परीक्षण का निर्देश दिया। विधानसभा का विशेष सत्र 3 और 4 जुलाई को होगा|​​ शिवसेना नेता सुनील प्रभु ने बहुमत परीक्षण स्थगित करने की मांग की थी।

विधानसभा के बागी विधायक नरहरि जिरवाल ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया है|​​ नोटिस के खिलाफ कुछ दिन पहले शिवसेना के बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अदालत ने कहा कि वह अपनी अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेगी। अयोग्य ठहराए गए विधायकों को 12 जुलाई तक नोटिस का जवाब देने को कहा गया है|​​

इस बीच शिवसेना ने बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी|​​ कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अयोग्यता नोटिस मामले में याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई होगी|​​

 
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