कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस लेने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसे फिर से देश में शामिल किया जाना चाहिए। हमें देखना होगा कि वे इस मुद्दे पर कितना आगे बढ़ पाते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि भारत की हमेशा से यही नीति रही है कि पीओके को भारत में मिलाया जाए।
मीडिया से बातचीत के दौरान संदीप दीक्षित ने कहा, “पीओके हमारा हिस्सा है, जिसे जबरदस्ती पाकिस्तान ने कब्जे में लिया हुआ है। अगर सरकार इसे वापस लेने के लिए कोई ठोस रणनीति बनाती है, तो देखा जाएगा। लेकिन अक्सर सरकार कुछ कहती है और करती कुछ और है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान खालिस्तानियों द्वारा उनकी कार रोकने की कोशिश पर प्रतिक्रिया देते हुए दीक्षित ने इसे गंभीर मामला बताया। उन्होंने कहा, “यह वहां की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। ब्रिटेन की पुलिस को तत्काल कदम उठाने चाहिए, क्योंकि किसी भी देश के नेता की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।”
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के फैसले पर उन्होंने कहा, “जब ट्रंप की सत्ता में वापसी हुई, तब उनकी काफी प्रशंसा की गई थी और कहा गया था कि वे प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे मित्र हैं। लेकिन ट्रंप के रुख का कोई भरोसा नहीं किया जा सकता। सरकार को इस पर रणनीति बनाकर भारत के हितों की रक्षा करनी चाहिए।”
दिल्ली सरकार में मंत्री परवेश वर्मा के उस दावे पर कि तीन साल के भीतर यमुना नदी पूरी तरह साफ हो जाएगी, दीक्षित ने कहा, “अगर सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है, तो यह स्वागत योग्य है। हम भी देखना चाहेंगे कि पानी की सफाई के लिए किस प्रकार की तकनीक और मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “योगी का बयान राजनीति से प्रेरित है और इसका कोई विशेष महत्व नहीं है। अगर वे गोडसे को अपना आदर्श मानते हैं, तो इस पर भी उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार का असली कार्य प्रदेश का विकास करना होता है, लेकिन योगी आदित्यनाथ इस पर कम ही ध्यान देते हैं। यूपी का मुख्यमंत्री बने उन्हें आठ साल हो चुके हैं, उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं।”
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