न्यूयॉर्क शहर में फिलिस्तीन समर्थकों ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ एक बड़ी रैली निकाली। यह विरोध प्रदर्शन मिड्लईस्ट देशों संग नीतियों, अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ते विरोध और आव्रजन से जुड़ी नीतियों के खिलाफ था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मंगलवार (12 मार्च) को प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन पार्क से लोअर मैनहट्टन स्थित सिटी हॉल तक मार्च किया। इस दौरान पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
यह प्रदर्शन तब हुआ जब ट्रंप प्रशासन ने न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के लिए 400 मिलियन डॉलर की फेडरल फंडिंग को यहूदी-विरोधी गतिविधियों को रोकने के नाम पर रद्द कर दिया। इसके अलावा, प्रशासन ने अन्य विश्वविद्यालयों की भी समीक्षा शुरू कर दी है।
शनिवार (8 मार्च) को कोलंबिया विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट छात्र महमूद खलील को फिलिस्तीनी प्रदर्शनों के कारण विश्वविद्यालय के होस्टल से अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने गिरफ्तार कर लिया था। खलील, जो अमेरिका के स्थायी निवासी हैं, ने पिछले साल अप्रैल में कोलंबिया विश्वविद्यालय में हुए फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
खलील के वकील के अनुसार, उनकी पत्नी एक अमेरिकी नागरिक हैं और आठ महीने की गर्भवती हैं। उन्हें भी आईसीई से धमकियां मिली हैं। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले ने न्यूयॉर्क शहर में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों को और तेज कर दिया है।
बता दें की, सोमवार (10 मार्च) को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह आने वाली कई गिरफ्तारियों में से पहली है। कोलंबिया और अन्य विश्वविद्यालयों में कई छात्र आतंकवाद समर्थक, यहूदी विरोधी और अमेरिकी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, और ट्रंप प्रशासन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”
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मार्च के दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी झंडे और बैनर लहराए, जिन पर लिखा था “महमूद खलील को रिहा करो।” एक प्रदर्शनकारी रूबी मार्टिन ने कहा, “यह पहले संशोधन के खिलाफ है। विश्वविद्यालय अपने छात्रों की गिरफ्तारी में आईसीई की मदद कर रहा है, जो पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि वह खलील की रिहाई की मांग करने वाले एक अन्य मार्च में भाग लेंगी। न्यूयॉर्क के दो विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर कैथरीन विल्सन के अनुसार विश्वविद्यालय लंबे समय से इस समस्या में शामिल रहा है। इसे रोकने का समय आ गया है।