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Monday, November 25, 2024
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संसद सत्र: PM मोदी ने कहा, जिन्हें जनता ने नाकारा, वे ही कर रहे हैं लोकतंत्र का अनादर !

मैं आशा करता हूं कि हमारे नए साथियों को अवसर मिले, सभी दल में नए साथी हैं, उनके पास नए विचार हैं, भारत को आगे ले जाने के लिए नई कल्पनाएं हैं।'

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आज से संसद की शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही पीएम मोदी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान सभी सांसदों से संसद में स्वस्थ चर्चा करने की अपील की| इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की पूरी तैयारी में लगा हुआ है| वही दूसरी ओर पीएम मोदी ने विपक्ष पर संसद में नहीं चलने देने और हंगामा करने का आरोप भी लगाया| 

पीएम मोदी ने कहा कि ‘वर्ष 2024 का यह समय अपने आखिरी पड़ाव पर है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे संविधान के 75 साल की यात्रा, 75वें साल में उसका प्रवेश, ये अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है।’  संविधान निर्माताओं ने संविधान निर्माण करते समय एक-एक बिंदू पर बहुत विस्तार से बहस की है, तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। इसकी महत्वपूर्ण इकाई है हमारी संसद।

पीएम मोदी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि संसद में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, जिनको जनता ने अस्वीकार किया है, उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि रोकने से ज्यादा सफल नहीं होता और देश की जनता उनके सारे व्यवहारों को देखती है और जब समय आता है, तब सजा भी देती है। 

पीएम मोदी ने कहा सबसे ज्यादा पीड़ा की बात ये है कि जो नए सांसद नए विचार और नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं। सदन में उनको बोलने का अवसर नहीं मिलता।’

‘लोकतांत्रिक परंपरा में हर पीढ़ी का काम करना है अगली पीढ़ी को तैयार करें, लेकिन 80-90 बार जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे न संसद में चर्चा होने देते हैं और न ही लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न ही वे लोगों की आकांक्षाओं को समझते हैं। उसका परिणाम है कि वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। इसके चलते जनता को उन्हें बार-बार रिजेक्ट करना पड़ रहा है।’

पीएम मोदी ने कहा कि मैं बार-बार विपक्ष के साथियों से आग्रह करता रहा हूँ और कुछ विपक्ष जिम्मेदारी से व्यवहार करते भी हैं कि सदन में सुचारू रूप से काम हो, लेकिन लगातार जिनको जनता ने नकार दिया है, वे अपने साथियों की भावनाओं का भी अनादर करते हैं, लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं। मैं आशा करता हूं कि हमारे नए साथियों को अवसर मिले, सभी दल में नए साथी हैं, उनके पास नए विचार हैं, भारत को आगे ले जाने के लिए नई कल्पनाएं हैं।’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘साथियों ये सदन लोकतंत्र के आम चुनाव के बाद देश की जनता को अपने-अपने राज्यों में कुछ स्थानों पर अपनी भावना, अपने विचार प्रकट करने का अवसर मिला है। उसमें भी 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को और अधिक ताकत दी गई है और अधिक समर्थन का आधार बढ़ा है। लोकतंत्र की ये शर्त है कि हम जनता-जनार्दन की भावनाओं का आदर करें उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए लगातार मेहनत करें।

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