राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार की डिनर नीति इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है|साथ ही राज्य की सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है|वही शरद पवार के मिले डिनर निमंत्रण को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की ओर से सिरे से नकार दिया गया है|बारामती में 1 और 2 मार्च को नमो महारोजगार मेला का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के सीएम सहित दोनों उपमुख्यमंत्री भाग लेने वाले है|
विद्या प्रतिष्ठान के मैदान पर होने वाले इस कार्यक्रम में शरद पवार आमंत्रित नहीं किया गया है|इसे देखते हुए शरद पवार ने सीएम और दोनों डिप्टी सीएम के लिए डिनर रखा था और इसके लिए बकायदा न्योता भी दिया था|बारामती में यह महारोजगार मेला विद्यानगरी के विद्या प्रतिष्ठान में आयोजित किया जा रहा है, जिसके शरद पवार संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार हैं|इसलिए संगठन के अध्यक्ष के तौर पर शरद पवार ने तीनों महानुभावों को बारामती के गेस्ट हाउस में चाय के लिए और गोविंद बाग स्थित अपने घर पर रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया है|
यह निमंत्रण शरद पवार की एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है|बारामती लोकसभा चुनाव क्षेत्र के लिए सुप्रिया सुले के सामने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार उम्मीदवार हो सकती हैं, जिसकी तैयारी भी अजित पवार ने शुरू कर दी है|दरअसल शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले की बारामती सीट को सुरक्षित करना चाहते थे|सूत्रों की माने तो इसलिए सीएम और दोनों उपमुख़्यमंत्रियों की मौजूदगी में इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन निमंत्रण अस्वीकार कर युति नेताओं ने शरद पवार की राह मुश्किल कर दी है|
राजनीति विश्लेषकों की माने तो पहली बार शरद पवार घिरते दिखाई दे रहे हैं|क्योंकि बारामती की उनकी पारंपरिक सीट को अब बचा पाना काफी मुश्किल होता नजर आ रहा है|यदि ऐसे में सीएम और दोनों उपमुख़्यमंत्रियों द्वारा शरद पवार के निमंत्रण को स्वीकार करते तो कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जायेगा|वही मीडिया में बजे इसके अलग मायने निकाले जाएंगे और अगर सुनेत्रा पवार इस बार बारामती से लड़ी तो उन्हें उसका नुकसान उठाना पड़ सकता है|
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