मुंबई। जिस वक्त पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे थे, उसी वक्त महाराष्ट्र में विधानसभा की एक सीट पढंरपुर सीट उप चुनाव के लिए भी चुनाव हो रहे थे। राकांपा विधायक भरत भालके के निधन से रिक्त हुई सीट को दोबारा हासिल करने के लिए महा विकास आघाडी के तीनों दल एक साथ मैदान में उतरे थे पर सरकार की सारी ताकत झोकने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा और अकेली भाजपा ने यह सीट जीत ली इसके बावजूद राकांपा 1700 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की मिली जीत की क्रेडिट राकांपा सुप्रिमों को देने में जुटी है।
पार्टी के मुखपत्र राष्ट्रवादी में यह दावा किया है। राकांपा के मुखपत्र के मई के अंक में ममता बनर्जी की जीत पर कई लेख प्रकाशित किए गए हैं। इसमें ममता की विजय में पवार का अदृश्य हाथ शीर्षक से प्रकाश सामग्री में कहा गया है कि शऱद पवार ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल जाने वाले थे। उनकी बहुत इच्छा थी कि वे ममता की मदद के लि बंगाल जाए पर अस्पताल में भर्ती होने के कारण वे नहीं जा सके पर उन्होंने चुनाव में ममता दीदी की मदद के लिए सभी विपक्षी नेताओं को पत्र लिखा। मुखपत्र में यह भी दावा किया गया है कि बंगाल के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी यह बात स्वीकार की है कि पवार ने ममता की मदद की।