उन्होंने समुद्री डकैती रोधी अभियानों व संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा। उन्होंने राष्ट्र निर्माण व मित्र देशों को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत प्रदान करने में भी सशस्त्र बलों की प्रशंसा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोलकाता में आयोजित 16वें संयुक्त (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) कमांडर्स सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने सशस्त्र बलों की विभिन्न गतिविधियों पर अपने विचार रखे। यह सम्मेलन प्रत्येक दो वर्ष में एक बार आयोजित होता है। यह सशस्त्र बलों का सर्वोच्च स्तरीय मंथन मंच माना जाता है, जिसमें देश के शीर्ष सैन्य व नागरिक नेतृत्व भविष्य की सैन्य तैयारियों को लेकर विचार-विमर्श करते हैं।
इस वर्ष सम्मेलन का विषय ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स—ट्रांसफॉर्मिंग फॉर द फ्यूचर’ है। यह विषय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिवर्तन की वर्तमान प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए बधाई दी।
उन्होंने वर्ष 2025 को रक्षा क्षेत्र में सुधारों का वर्ष बताते हुए रक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और किसी भी परिस्थिति में विजयी होने के लिए संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार को बढ़ावा देने हेतु ठोस कदम जल्द से जल्द लागू किए जाएं।
आने वाले दो दिनों में यह सम्मेलन विभिन्न संरचनात्मक, प्रशासनिक और संचालनिक मुद्दों की व्यापक समीक्षा करेगा। इसमें सभी सेनाओं से प्राप्त फीडबैक, वैश्विक अस्थिरताओं के बीच भारत की सैन्य तैयारी और प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप आगे की रोडमैप पर गहन चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि कमांडर्स कांफ्रेंस के दौरान सेना से जुड़े अहम विषयों पर रणनीति तय की जाती है। साथ ही कई महत्वपूर्ण विषयों पर बड़े निर्णय भी लिए जाते हैं। यह प्लेटफार्म भविष्य की रूपरेखा तय करने में भी विशेष योगदान देता है। 15 से 17 सितंबर तक पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस 2025 का आयोजन हो रहा है।



