अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (15 अगस्त) के अहम् संबोधन में देशवासियों को साफ संदेश देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि भारत वैश्विक बाजार में अपनी गुणवत्ता और क्षमता साबित करे। उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा, “यह इतिहास रचने का समय है। हमें विश्व बाजार पर राज करना है। हमें उत्पादन लागत घटानी होगी। गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ हमें अपनी ताकत दुनिया को दिखानी होगी।” मोदी ने कहा, “दाम कम, दम ज़्यादा हमारा मंत्र होना चाहिए। आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहे हैं। दूसरे देशों की चिंता छोड़िए, अब हमें अपने लक्ष्य पूरे करने के लिए आगे बढ़ना है।”
6 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के खिलाफ अपने टैरिफ आक्रमण को तेज करते हुए, नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल के निरंतर आयात के कारण भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया तथा बाद में इसे दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया।
भारत ने इस कदम को अनुचित, अन्यायपूर्ण और अवैध करार देते हुए कड़ी निंदा की है। सरकार का मानना है कि इससे वस्त्र, मरीन उत्पाद और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों को गंभीर झटका लग सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि भारत आर्थिक दबाव के आगे झुकेगा नहीं।
इस कदम के बाद भारत, ब्राज़ील के साथ, अमेरिका के सबसे ऊंचे 50 प्रतिशत टैरिफ के दायरे में आ गया है। रूस और चीन समेत कई देशों ने भी ट्रंप प्रशासन के इस कदम को ‘ग़ैरक़ानूनी व्यापारिक दबाव’ बताया है।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने ‘समर्थ भारत’ के निर्माण का आह्वान किया और कहा कि जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने “स्वतंत्र भारत” का सपना देखा था, वैसे ही आज हमें मजबूत भारत के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें अपनी ऊर्जा दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं, बल्कि खुद को मजबूत बनाने में लगानी चाहिए।”
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