प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (20 जून) को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का निमंत्रण केवल ओडिशा आने के लिए ठुकरा दिया। यह जनसभा ओडिशा में भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी, जहां प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री मोहन माझी और उनकी सरकार की उपलब्धियों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “अभी दो दिन पहले मैं जी-7 समिट के लिए कनाडा में था। उसी दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुझे फोन किया और बड़े आग्रह के साथ वाशिंगटन आने का निमंत्रण दिया। मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति से कहा कि निमंत्रण के लिए आपका धन्यवाद, लेकिन मुझे तो महाप्रभु की धरती पर जाना जरूरी है। इसलिए मैंने उनका निमंत्रण विनम्रता से मना किया। आपका प्रेम मुझे महाप्रभु की धरती तक खींच लाया है।”
इस बयान के साथ ही प्रधानमंत्री ने ओडिशा की जनता को एक विशेष सम्मान का संदेश दिया और बताया कि उनके लिए राज्य की भूमि कितनी पवित्र और प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि आज का दिन केवल सरकार की वर्षगांठ नहीं, बल्कि सुशासन, जनसेवा और जन विश्वास की वर्षगांठ है।
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री मोहन माझी और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि ओडिशा ने जिस समर्पण और जनसेवा का उदाहरण पेश किया है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा, “यह एक साल ओडिशा के करोड़ों मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरने का ईमानदार प्रयास रहा है।”
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने ओडिशा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “ओडिशा सिर्फ एक राज्य नहीं है, यह देश की समृद्ध विरासत का एक उज्ज्वल प्रतीक है। हजारों वर्षों से यह भूमि भारतीय संस्कृति की आधारशिला रही है।”
श्री जगन्नाथ मंदिर को लेकर भी उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ के आशीर्वाद से मंदिर से जुड़े विवादों का समाधान हो चुका है। उन्होंने कहा, “मैं मोहन जी और उनकी सरकार का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने करोड़ों भक्तों के निवेदन का मान रखा। यहां सरकार बनते ही श्री मंदिर के चारों द्वार खोल दिए गए और रत्न भंडार भी भक्तों के लिए खोल दिया गया। यह कोई राजनीतिक जय-विजय का विषय नहीं है, यह करोड़ों भक्तों की आस्था का सम्मान है।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा और संबोधन न केवल ओडिशा की राजनीति के लिए अहम रहा, बल्कि उन्होंने अपने कथनों के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार राज्य के विकास, सांस्कृतिक पहचान और जनभावनाओं के सम्मान के लिए पूरी तरह समर्पित है।
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