प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (16 अगस्त) को करीब 11 हजार करोड़ रुपये की दो अहम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं—द्वारका एक्सप्रेसवे (दिल्ली खंड) और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-II)—का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य दिल्ली और एनसीआर में जाम की समस्या से निजात दिलाना, सफर को तेज और सुरक्षित बनाना तथा राजधानी की प्रमुख सड़कों से ट्रैफिक का बोझ कम करना है। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मौजूद रहे।
मार्च 2024 में द्वारका एक्सप्रेसवे के 19 किलोमीटर लंबे हरियाणा खंड को जनता को समर्पित किया गया था। अब 10.1 किलोमीटर लंबे दिल्ली खंड का निर्माण 5,360 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ है। यह हिस्सा यशोभूमि, दिल्ली मेट्रो की ब्लू और ऑरेंज लाइन, आगामी बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर बस डिपो से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
इसमें दो पैकेज पहला शिव मूर्ति इंटरसेक्शन से द्वारका सेक्टर-21 के रोड अंडर ब्रिज तक 5.9 किलोमीटर और दूसरा द्वारका सेक्टर-21 आरयूबी से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 4.2 किलोमीटर शामिल हैं, जो सीधे UER-II से जुड़ेगा। इसके पूरा होने से आईजीआई एयरपोर्ट तक का सफर मात्र 40 मिनट में संभव हो सकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के अलीपुर से दिघांव कलां तक और बहादुरगढ़ व सोनीपत को जोड़ने वाले नए लिंक मार्गों का भी उद्घाटन किया। लगभग 5,580 करोड़ रुपये की लागत से बने इस कॉरिडोर से दिल्ली की इनर व आउटर रिंग रोड, मुकर्बा चौक, धौला कुआं और NH-09 पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। नए स्पर मार्ग बहादुरगढ़ और सोनीपत तक सीधी पहुंच देंगे, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों से संपर्क बेहतर होगा। माल ढुलाई में तेजी आएगी और दिल्ली के भीतर ट्रैफिक का बोझ घटेगा।
इन दोनों परियोजनाओं से न केवल दिल्लीवासियों बल्कि पूरे एनसीआर को बड़ी राहत मिलेगी। भीड़भाड़ कम होगी, सफर सुगम होगा और माल परिवहन की सुविधा बढ़ेगी। इसके साथ ही औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
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