पीएम मोदी तीन दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान आज मंगलवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ कृत्रिम मेधा (एआई) को लेकर आयोजित शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने एआई के लिए संचालन व्यवस्था और मानक स्थापित करने को लेकर सामूहिक वैश्विक प्रयासों का आह्वान किया।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘एआई’ पहले से ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और समाज को नया आकार दे रहा है। ‘एआई’ इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है। हम अभी ‘एआई’ युग के शुरुआती दौर में ही हैं, जो मानवता के मार्ग को आकार देगा।
पीएम ने कहा, ‘एआई’ की वजह से नौकरियां खत्म होने की आशंकाओं को लेकर कहा कि इतिहास गवाह है कि प्रौद्योगिकी के कारण काम खत्म नहीं होता, बल्कि उसकी प्रकृति बदल जाती है और नई तरह की नौकरियां सृजित होती हैं। इसलिए हमें ‘एआई’ संचालित भविष्य के लिए अपने लोगों को कुशल बनाने और नए काम के तरीकों के लिए उन्हें तैयार करने में निवेश करने की जरूरत है।
साथ ही ‘संचालन व्यवस्था और मानकों को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है, जो हमारे साझा मूल्यों को बनाए रखें, जोखिमों को दूर करें और भरोसे का निर्माण करें।’
‘एआई’ एक्शन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी कहा, ‘मैं एक सरल प्रयोग से शुरू करता हूं। यदि आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट किसी ‘एआई’ एप पर अपलोड करते हैं तो यह सरल भाषा में बता सकता है कि इसका क्या मतलब है, लेकिन यदि आप उसी एप से किसी व्यक्ति की बाएं हाथ से लिखने की छवि बनाने के लिए कहते हैं तो सबसे अधिक संभावना है कि एप किसी व्यक्ति को उसके दाएं हाथ से लिखते हुए दिखाएगा, क्योंकि प्रशिक्षण डेटा में यही बात हावी है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह दर्शाता है कि ‘एआई’ की सकारात्मक क्षमता बिल्कुल अद्भुत है, इसमें कई पूर्वाग्रह हैं, जिनके बारे में हमें सावधानी से सोचने की आवश्यकता है। इसीलिए मैं अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों का इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने तथा मुझे इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के लिए आभारी हूं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए, जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए। साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए| हमें पक्षपात रहित गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहिए और लोगों को केंद्रित करने वाले एप्लिकेशन बनाने चाहिए।
वही, उन्होंने कहा कि हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकी स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो ताकि यह प्रभावी और उपयोगी हो।’
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