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Monday, December 8, 2025
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अगले महीने न्यूयॉर्क में पीएम मोदी–ट्रंप मुलाकात की संभावना!

 व्यापार विवाद सुलझाने पर फोकस

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जा सकते हैं और इसी दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक व्यापार संबंधी विवादों को सुलझाने के प्रयासों का हिस्सा होगी।

सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी न्यूयॉर्क में होने वाले इस दौरे पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं से भी उच्च-स्तरीय बैठकें कर सकते हैं। UNGA शिखर सम्मेलन का आयोजन सितंबर में होगा, जिसमें 23 सितंबर से विश्व नेताओं का आगमन शुरू हो जाएगा।

अगर यह मुलाकात होती है, तो यह सात महीनों में मोदी और ट्रंप की दूसरी आमने-सामने की बैठक होगी। पिछली मुलाकात इस साल फरवरी में व्हाइट हाउस में हुई थी। इंडिया टुडे के मुताबिक, ट्रंप मोदी से मिलने के इच्छुक हैं। उन्होंने जून में प्रधानमंत्री को वाशिंगटन आने का न्योता दिया था, जब मोदी कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए थे, लेकिन उस समय यह निमंत्रण स्वीकार नहीं किया गया। उस अवधि में चर्चा थी कि ट्रंप पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ बैठक करने वाले हैं।

सूत्रों के अनुसार, अगर यह बैठक सफल होती है, तो प्रधानमंत्री मोदी अक्टूबर में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप को भारत आमंत्रित करेंगे। क्वाड में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। मोदी और ट्रंप के बीच उनके पहले राष्ट्रपति कार्यकाल से ही व्यक्तिगत रिश्ते अच्छे रहे हैं।

फिलहाल, दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर गतिरोध है। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25% टैरिफ और रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाकर कुल 50% शुल्क लागू करने का फैसला किया है। इनमें से आधा टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो चुका है, जबकि बाकी 27 अगस्त से लागू होगा। इस समयसीमा से पहले भारत और अमेरिका गहन बातचीत में जुटे हैं ताकि एक समझौते पर पहुँचा जा सके।

ट्रंप भारत पर रूस से तेल आयात घटाने का दबाव बनाते रहे हैं और मानते हैं कि ऐसा करने से मॉस्को यूक्रेन युद्ध समाप्त करने पर मजबूर होगा। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, अमेरिका पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनियाँ खुद रूस से यूरेनियम, रसायन और उर्वरक खरीद रही हैं। इसी बीच, भारत 15 अगस्त को होने वाली ट्रंप–पुतिन बैठक पर भी नज़र बनाए हुए है, जो आने वाले समय में वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।

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