जाने “कॉन्फ्रेंस टूरिज्म” के बारे में जिसका PM मोदी ने “यशोभूमि” में किया जिक्र  

पीएम मोदी ने रविवार को इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ( ) यानी की "यशोभूमि" के पहले चरण का उद्घाटन किया।

जाने “कॉन्फ्रेंस टूरिज्म” के बारे में जिसका PM मोदी ने “यशोभूमि” में किया जिक्र  
पीएम मोदी ने रविवार को इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर(iicc) यानी की “यशोभूमि” के पहले चरण का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर विश्वकर्मा योजना को भी लांच किया। इस इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में 11000 लोगों के बैठने की क्षमता है। इस सेंटर में भारत की सबसे बड़ी एलईडी भी लगाई गई है। इससे पहले पीएम मोदी ने द्वारका के सेक्टर 21 से यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 तक विस्तारित एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन के लगभग 2 किलोमीटर के नए मार्ग का लोकार्पण किया। इसके बाद पीएम ने दिल्ली मेट्रो कर्मचारियों से मुलाक़ात भी की।
महिला ने पीएम को जन्मदिन की संस्कृत भाषा में दी बधाई: इस दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली मेट्रो से भी सफर किया और लोगों से बातचीत की। मेट्रो में लोगों ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी लेते देखे गए एक महिला ने पीएम मोदी के जन्मदिन की बधाई संस्कृत भाषा में दी। यशोभूमि के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज का नया भारत खुद को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म  के लिए तैयार कर रहा है। एडवेंचर ,मेडिकल ,स्पिरिचुअल और हेरिटेज टूरिज्म वहीं होता है जहां माहौल होता है। इसी तरह के कॉन्फ्रेंस टूरिज्म भी होगा जहां इवेंट और मीटिंग की सुविधाएं होंगी। उन्होंने कहा कि भारत मंडपम और यशोभूमि दिल्ली को सम्मेलन पर्यटन  का सबसे बड़ा  केंद्र बनाएंगे।
कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री दुनिया में 25 लाख करोड़ की: पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में हर साल 32000 से ज्यादा प्रदर्शनियां तथा एक्सपो आयोजित किये जाते हैं। इसके लिए दो से पांच करोड़ वाले देश भी व्यवस्था करते हैं। हमारी आबादी 140 करोड़ है… कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए आने वाले लोग सामान्य पर्यटकों से ज्यादा पैसे खर्च करते हैं।  पीएम मोदी ने बताया कि इसमें भारत की भागीदारी केवल एक प्रतिशत हैं। उन्होंने कहा कि “दुनिया में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म बढ़ रहा है। जिसके भारत में अपार संभावनाएं हैं। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री दुनिया में 25 लाख करोड़ रूपये से अधिक की है।
रोजगार के नए नए सेक्टर्स बनते रहते: पीएम मोदी ने कहा कि बदलते हुए समय के साथ विकास और रोजगार के नए नए सेक्टर्स  बनते रहते हैं। उन्होंने कहा कि 50 से 60 साल पहले इतनी बड़ी आईटी इंडस्ट्री के बारे में कोई सोचा भी नहीं होगा। इसी तरह आज से तीस पैतीस साल पहले सोशल मीडिया के बारे में केवल सोचा  जा सकता था।
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