देश की राजधानी दिल्ली जहां प्रदूषण के दलदल में फंसी हुई है वहीं देश की आर्थिक राजधानी भी प्रदूषण से जूझ रही है|पिछले कुछ दिनों से मुंबई समेत राज्य के विभिन्न शहरों में प्रदूषण बढ़ने से नागरिकों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है|परिणामस्वरूप राज्य में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें भी बढ़ी हैं। इसलिए राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उपायों की योजना बनाई गई है।
इस संबंध में आज मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा बंगले पर बैठक हुई| इस बैठक में राज्य में वायु प्रदूषण की समीक्षा की गई| इस बैठक में मुख्य सचिव मनोज सैनिक सहित सभी संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने टेलीविजन प्रणाली के माध्यम से भाग लिया। मनपा आयुक्त आईएस चहल, लोक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर, एमएमआरडीए के मनपा आयुक्त संजय मुखर्जी, पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव प्रवीण दराडे, शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव गोविंदराज, एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विपिन शर्मा, परिवहन के प्रधान सचिव विभाग पराग जैन उपस्थित थे।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बातचीत की| इस मौके पर उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के लिए उठाए गए कदमों को एक्शन मोड पर लागू किया जाए|प्रदूषण मुक्त महाराष्ट्र की दिशा में सभी प्रशासनिक संस्थाओं को मिलकर एक अभियान के रूप में काम करना चाहिए। मुंबई में सड़कों पर धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव करने के लिए एक हजार टैंकर तैनात करने के लिए एक विशेष टीम नियुक्त की जानी चाहिए। एमएमआरडीए के निर्माण स्थल धूल मुक्त और साफ होने चाहिए। नगर निगम आयुक्तों को एंटी-स्मॉग गन और स्प्रिंकलर का उपयोग बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया।
1000 पानी के टैंकर लगेंगे: मुंबई के वायु प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए सड़क की धूल हटाना जरूरी है। इसके लिए एक हजार पानी के टैंकर लीज पर लिये जायेंगे| इसके जरिए मुंबई में हर दिन सड़कें धोने के निर्देश दिए गए हैं| साथ ही इसके लिए रिसाइकिल पानी का इस्तेमाल किया जाएगा|
कृत्रिम बारिश की जरूरत?: बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराए जाने की संभावना है। इसी तर्ज पर क्या मुंबई में होगी कृत्रिम बारिश? ऐसा ही एक सवाल एकनाथ शिंदे से पूछा गया| उन्होंने कहा कि मुंबई में कृत्रिम बारिश की कोई जरूरत नहीं है| अभी कल ही मुंबई में बारिश हुई. हालांकि, आगे जरूरत पड़ने पर कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं।
क्या रुकेगा निर्माण कार्य?: मुंबई में बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं, नतीजतन धूल का साम्राज्य बन गया है। इसके चलते पर्यावरणविद मुंबई में निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया गया है| साथ ही निर्माण से सटे मलबे और मिट्टी को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।सड़क पर मिट्टी व मलबा न दिखे इसके भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही शहरी क्षेत्रों में शहरी वन के लिए नगर पालिकाओं से पहल करने का आग्रह किया गया है|