नासिक विधान परिषद सीट को लेकर नया ट्विस्ट आने की संभावना?

नासिक विधान परिषद सीट में चुनाव में देवेंद्र फडणवीस नई रणनीति अपना सकते हैं।

नासिक विधान परिषद सीट को लेकर नया ट्विस्ट आने की संभावना?

Winter session: Ajit Pawar's 'that' question will be answered only in the House - Fadnavis

महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से चर्चा का केंद्र रहे नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में नया मोड़ आने के संकेत मिल रहे हैं। दरअसल भाजपा सांसद सुजय विखे-पाटील के एक बयान से नासिक के स्नातकों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या भाजपा ऐन मौके पर कोई नई चाल चलेगी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता रातोंरात नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की तस्वीर बदलने की क्षमता रखते हैं।

सत्यजीत तांबे ने नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवारी फॉर्म दाखिल किया। नामांकन पत्र भरने के बाद तांबे ने भाजपा सहित सभी दलों से समर्थन की मांग की। हालांकि, बीजेपी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर सत्यजीत तांबे का समर्थन नहीं किया है। नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान 30 जनवरी को होगा। इसलिए राजनीतिक जानकार भविष्यवाणी कर रहे हैं कि बीजेपी ऐन वक्त पर अपनी इच्छा जाहिर करेगी और सत्यजीत तांबे के पीछे अपनी ताकत जुटाएगी।

इस पृष्ठभूमि में सुजय विखे-पाटिल का बयान सांकेतिक माना जा रहा है। सुजय विखे से पूछा गया कि नासिक में बीजेपी किसे समर्थन देगी। इस पर सुजय ने कहा कि यह फैसला पार्टी के नेता करते हैं। देवेंद्र फडणवीस और चंद्रशेखर बावनकुले तय समय में पार्टी का फैसला करेंगे। भले ही चुनाव करीब है, लेकिन नगर जिले में भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता रातों-रात चुनाव को बदलने की क्षमता रखता है। हम उस व्यक्ति का समर्थन करेंगे जिसका नाम उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आएगा और रातों-रात तस्वीर बदल देंगे।

महाराष्ट्र विधान परिषद स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान 30 जनवरी, 2023 को होगा। लिहाजा मतगणना दो फरवरी को होगी। नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव दिलचस्प होने वाला है क्योंकि ताम्बे पीतापुत्र ने कांग्रेस पार्टी को आखिरी मिनट में झटका दिया। इसलिए, नासिक में शुभांगी पाटिल और सत्यजीत तांबे के बीच कांटे की टक्कर होगी।

बीजेपी ने भले ही आधिकारिक तौर पर सत्यजीत तांबे का समर्थन नहीं किया हो, लेकिन पर्दे के पीछे से कई चीजें गुपचुप तरीके से चल रही हैं। कुछ दिन पहले बीजेपी नेता गिरीश महाजन नासिक में रुके हुए थे। गिरीश महाजन ने कुछ उम्मीदवारों को नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव से हटने के लिए राजी किया। वहीं, सत्यजीत तांबे की प्रचार रैली भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री विधायक अमरीश भाई पटेल के संगठन में हुई। सभा में स्वयं भाजपा नेता व पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष तुषार रंधे व उनके संगठन के कर्मचारी भी सक्रिय रूप से शामिल हुए। इसलिए चर्चा है कि बीजेपी पर्दे के पीछे है और इस चुनाव में सत्यजीत तांबे के पीछे अपनी ताकत बढ़ा रही है।

जबकि माना यह भी जा रहा है कि आने वाले दो दिनों में नासिक के अंदर देवेंद्र फडणवीस की एक नई चुनावी रणनीति देखने को मिलेगी। दरअसल नासिक में देवेंद्र फडणवीस और स्वराज्य संगठन के अध्यक्ष छत्रपति संभाजी महाराज की मुलाकात हो सकती है क्योंकि दोनों ही नेता यहां दौरे पर आने वाले हैं। नासिक विधान परिषद चुनाव में यह माना जा रहा है कि असल लड़ाई सत्यजीत तांबे और शुभांगी पाटिल के बीच में है। इस बीच में सुरेश पवार के दावे ने नासिक की सियासत में हड़कंप मचा दिया है। सुरेश पवार ने कहा कि हम सभी दलों से समर्थन मांग रहे हैं। स्वराज्य संगठन के प्रवक्ता करण गायकर ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज के जरिए बीजेपी और शिंदे गुट से बातचीत शुरू है।

हालांकि शिंदे-बीजेपी गठबधंन की तरफ से फिलहाल इस चुनाव में अभी तक किसी को औपचारिक रूप से समर्थन नहीं दिया गया है। जबकि उद्धव ठाकरे गुट, कांग्रेस और एनसीपी ने नासिक विधान परिषद चुनाव के लिए शुभांगी पाटिल को लेकर अपना समर्थन जाहिर किया है।

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