प्रहार जन शक्ति संगठन के नेता और विधायक बच्चू कडू वर्तमान में भाजपा-शिवसेना-राष्ट्रवादी सरकार में हैं। उन्होंने महायुति की इस सरकार का समर्थन किया है,लेकिन, उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ जुर्माना लगा दिया है| बच्चू कडू ने आज (9 अगस्त) अमरावती में जन एल्गार मोर्चा का आह्वान किया है| इस मार्च के जरिए उन्होंने किसानों की 10 प्रमुख मांगें रखी हैं| इस मार्च के जरिए बच्चू कडू और उनके प्रहार संगठन ने एकनाथ शिंदे सरकार को घेरने की तैयारी की है|
इस बीच बच्चू कडू के आंदोलन पर अलग-अलग राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं|विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कुछ देर पहले मीडिया से बात की| वडेट्टीवार ने कहा, इस समय बच्चू कडु की बात कौन सुनता है? वे गलत हैं… अगले कुछ दिनों में बच्चू कडू को एहसास होगा कि उनका निर्णय गलत है। इसलिए हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही सही फैसला लेंगे।’
इस मौके पर विजय वडेट्टीवार ने राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा पर भी बात की| वडेट्टीवार ने कहा, अभी सिर्फ कैबिनेट विस्तार की चर्चा चल रही है| ये चर्चा इसी तरह जारी रहेगी| यह चर्चा अगले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगी| कम से कम अगले लोकसभा चुनाव तक तो यही तस्वीर बनी रहेगी| क्योंकि इस वक्त शिवसेना के शिंदे गुट में कई लोग नाराज हैं| भारतीय जनता पार्टी के भी कई विधायक नाखुश हैं| नाराजगी के इस नाटक के कारण कैबिनेट विस्तार रुका हुआ है|
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