बिहार की राजनीति से दिल्ली का सफर तय करने की नीतीश कुमार ने तैयारी शुरू कर कर दी है। नीतीश कुमार ने गुरूवार को जहां 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 2024 में केंद्र में गैर भाजपा सरकार बनने पर पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। वहीं एक अन्य खबर में दावा किया कि नीतीश कुमार और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर मंगलवार की रात मुलाक़ात की है। सबसे बड़ी बात यह कि खबर की प्रशांत किशोर ने पुष्टि भी की है। हालांकि, उनका कहना है कि यह शिष्टाचार मुलाक़ात थी। लेकिन बताया जा रहा है यह मुलाक़ात 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह राजनीति शिष्टाचार है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बिहार में बीजेपी से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है। इसके बाद से नीतीश कुमार लगातार 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने की बात कर रहे हैं। इसी माह उन्होंने दिल्ली में छह सितंबर को राहुल गांधी से मुलाक़ात की थी। इसके बाद उन्होंने शरद पवार, एचडी देवगौड़ा, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी और अस्पताल में भर्ती मुलायम सिंह से भी मुलाक़ात की थी। जबकि, इससे पहले तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर रॉव ने नीतीश कुमार से बिहार आकर मुलाक़ात की थी। इस दौरान रॉव ने नीतीश कुमार को गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी गठबंधन बनाने पर जोर दिया था।
हालांकि, नीतीश कुमार ने पीएम उम्मीदवारी को लेकरपूछे गए सवाल परगोलमोल जवाब दिया था। उनका कहना था कि पीएम की रेस में नहीं हैं।लेकिन गुरूवार को की गई घोषणा उनके दावे पर सवाल खड़ा करता है। तो क्या 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम उम्मीदवार की यह घोषणा है।
वहीं, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंगलवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और नीतीश की मुलाक़ात हुई है। इस बात की पुष्टि खुद प्रशांत किशोर ने भी की हैं। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक, राजनीतिक और शिष्टाचार मुलाक़ात थी। वहीं नीतीश कुमार के साथ आने पर उन्होंने एक शर्त रखी है उनका कहा है कि नीतीश कुमार एक साल में बिहार के लोगों दस लाख नौकरी मुहैया कराते है तो कोई बात हो सकती है। बता दें कि प्रशांत किशोर एक अक्टूबर से बिहार में पद यात्रा निकालने जा रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में कहा कि मैंने जो रास्ता चुना है उस पर कायम हूं उससे पीछे नहीं हटूंगा।
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