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Sunday, December 28, 2025
होमन्यूज़ अपडेट"जिनसे धमकियां मिलती थीं, उन्हीं के गढ़ में जाकर दिया जवाब"

“जिनसे धमकियां मिलती थीं, उन्हीं के गढ़ में जाकर दिया जवाब”

मोदी जी किसी मंत्री को भी भेज सकते थे, लेकिन वह खालिस्तानियों के गढ़ में खुद गए, ताकि वहां आतंकवाद का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से उठा सकें।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कनाडा दौरे पर ‘ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट’ के अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री एक ऐसे देश में बेखौफ गए हैं, जहां से उन्हें और देश के गृह मंत्री को बरसों से जान से मारने की धमकियां मिलती रही हैं। बिट्टा ने कहा कि मोदी का यह कदम न सिर्फ देशहित में है, बल्कि यह आतंकवाद और खालिस्तानी ताकतों को सीधा संदेश है कि भारत अब किसी डर से नहीं चलता।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए एमएस बिट्टा ने कहा, “प्रधानमंत्री कफन बांधकर अपने देश के लिए बगैर किसी खौफ के उस गढ़ में जा रहे हैं, जहां आईएसआई के एजेंट और खालिस्तानी बैठे हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने साबित किया है कि वह सिर्फ राजनेता नहीं, बल्कि राष्ट्र के संन्यासी हैं जो हर खतरा उठाकर भी देश के लिए खड़े रहते हैं।

बिट्टा ने कहा,”जी-7 समिट में शामिल होना एक बात है, लेकिन ऐसे देश में जाना जहां जान को खतरा हो, यह अलग स्तर का साहस है।” उन्होंने कहा कि मोदी जी किसी मंत्री को भी भेज सकते थे, लेकिन वह खालिस्तानियों के गढ़ में खुद गए, ताकि वहां आतंकवाद का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से उठा सकें।

एमएस बिट्टा ने भारतीय सिख समुदाय की चुप्पी पर भी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा, “जब हमारे प्रधानमंत्री को विदेशों में गालियां दी जाती हैं, तब पूरा सिख समुदाय चुप क्यों रहता है?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब समय आ गया है कि भारत के सिख अपने धर्म और राष्ट्र दोनों के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।

बिट्टा ने याद दिलाया कि कनाडा में तिरंगे का अपमान, हनुमान मंदिरों पर हमले और हिंदू समुदाय को डराने के प्रयास लगातार होते रहे हैं। उन्होंने कहा, “ये लोग सिर्फ खौफ फैलाना जानते थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने जाकर वह खौफ खत्म कर दिया है। अब खालिस्तानियों की आंखें खुलेंगी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कनाडा जाकर G7 सम्मेलन में हिस्सा लेना केवल कूटनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि यह एक राजनीतिक और वैचारिक विजय भी है। एमएस बिट्टा के अनुसार, मोदी का यह कदम देश के दुश्मनों को करारा जवाब है कि भारत अब बिना भय के, पूरे आत्मविश्वास से अपनी बात कहता है। यह यात्रा सिर्फ एक सम्मेलन नहीं, बल्कि एक संदेश है—भारत अब झुकेगा नहीं।

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