चीमा ने कहा कि सरकार ने बॉर्डर बंद कर रखे थे और किसानों को गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा था। किसान दिल्ली जाना चाहते थे और वे रास्ते के किनारे बैठकर सिर्फ इतना कह रहे थे कि रास्ता खोला जाए, ताकि वे अपने आंदोलन के लिए दिल्ली जा सकें। लेकिन, वास्तव में सरकार द्वारा जो रास्ते बंद किए गए थे, वही आम जनता और व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बन गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को बदनाम किया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थिति यह थी कि किसान तो शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे और रास्ते को खोलने के लिए सरकार से मांग कर रहे थे। पंजाब के लोग और ट्रांसपोर्टर्स इस बंदी से बहुत परेशान थे। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि किसानों के आंदोलन के कारण रास्ते बंद किए गए थे, बल्कि उन्हें यह बताया गया कि किसान इस समस्या का कारण बन रहे हैं।
शिरोमणि नेता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लुधियाना में होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर प्रचार करने पहुंचे तो लोगों ने उन्हें बताया कि बॉर्डर बंद होने से व्यापारियों को बहुत नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाहती तो यह समस्या जल्दी हल हो सकती थी। अगर सरकार को वास्तव में रास्तों की चिंता थी, तो वह तुरंत एक बैठक बुलाकर इसे सुलझा सकती थी। किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करने के बाद वापस लौटना पड़ता और रास्ते भी खुले रहते। लेकिन सरकार ने यह मुद्दा सुलझाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे स्थिति और बिगड़ी। पंजाब सरकार को आने वाले समय में जनता जवाब देगी।
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