पुतिन पांचवी बार रूस की कमान संभालेंगे!, 88 प्रतिशत वोट के साथ जीता राष्ट्रपति चुनाव!

पुतिन 1999 से रूस पर शासन कर रहे हैं। 1999 में बोरिस येल्तसिन ने उन्हें सत्ता की बागडोर सौंपी। तब से पुतिन एक भी चुनाव नहीं हारे हैं​|

पुतिन पांचवी बार रूस की कमान संभालेंगे!, 88 प्रतिशत वोट के साथ जीता राष्ट्रपति चुनाव!

Putin will take command of Russia for the fifth time!, won the presidential election with 88 percent votes!

व्लादिमीर पुतिन ने 88 प्रतिशत वोट के साथ रूसी राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। इस जीत के साथ ही पुतिन लगातार पांचवीं बार रूस की कमान संभालेंगे।|रॉयटर्स के अनुसारव्लादिमीर पुतिन ने 87.97 फीसदी वोट के साथ जीत हासिल की है|पुतिन 1999 से रूस पर शासन कर रहे हैं। 1999 में बोरिस येल्तसिन ने उन्हें सत्ता की बागडोर सौंपी। तब से पुतिन एक भी चुनाव नहीं हारे हैं|

रविवार के नतीजों में पुतिन की जीत: वोटिंग शुक्रवार को शुरू हुई और तीन दिनों तक चली। इसके बाद आए नतीजों में पुतिन ने 88 फीसदी वोट के साथ जीत हासिल की| पुतिन के कट्टर विरोधी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई थी| उनके अन्य आलोचक जेल में हैं| क्रेमलिन के करीबी माने जाने वाले 71 वर्षीय पुतिन के खिलाफ तीन प्रतिद्वंद्वी मैदान में थे।

तीनों ने उनके 24 साल के शासन या दो साल पहले यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान शुरू करने के उनके फैसले की आलोचना करने से परहेज किया। अब पुतिन एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति पद पर बैठने जा रहे हैं|

अमेरिका का आरोप, निष्पक्ष नहीं हुआ चुनाव: पुतिन के विरोधियों ने मतदान केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन किया| अमेरिका ने कहा है कि जो चुनाव हुआ वह निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं था| लेकिन अब पुतिन की जीत के बाद उनका छह साल का कार्यकाल तय हो गया है| इस जीत के साथ पुतिन ने सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने का जोसेफ स्टालिन का रिकॉर्ड तोड़ दिया| रूस के पिछले दो सौ साल के इतिहास में सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने का रिकॉर्ड पुतिन के नाम है|

रूस के चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, इस राष्ट्रपति चुनाव में 80 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने ऑनलाइन वोट डाले| यह पहली बार था कि रूसी राष्ट्रपति चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का उपयोग किया गया था। व्लादिमीर पुतिन ने पहला वोट डाला, फिर वोटिंग शुरू हुई|  शुक्रवार और शनिवार को कई जगहों पर पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन हुए और मतदान को खराब करने की कोशिश की गई।

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