सात सितंबर से प्रारंभ ‘भारत जोड़ो यात्रा’

3570 किलोमीटर की भारत जोड़ों यात्रा

सात सितंबर से प्रारंभ ‘भारत जोड़ो यात्रा’

काँग्रेस के प्रस्तावित ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होकर 25 नवंबर को मालवा निमाड इलाके से मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी। यह यात्रा महाराष्ट्र की सीमा से लगे बुरहानपुर जिले से मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी और खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगरा-मालवा जिलों से होकर गुजरेगी। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यात्रा शुरू करने से पहले श्रीपेरंबुदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर सुबह श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी शाम को कन्याकुमारी के समुद्री तट के निकट एक जनसभा को संबोधित करेंगे और इसके साथ ही इस यात्रा की औपचारिक शुरुवात होगी। तटीय शहर कन्याकुमारी में काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारत जोड़ों आंदोलन की भव्य तैयारियां की हैं। शहर भर में कई स्थानों में पोस्टर लगे हैं जिसमें तमिल भाषा में राहुल गांधी आपका स्वागत है और भारत जोड़ो आंदोलन लिखा है। यह पूरी यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,570 किलोमीटर लंबी होगी।  

भारत जोड़ो आंदोलन से पहले काँग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि देशभर में काँग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मकसद भारत को एकजुट करना है, उन्होंने आगे कहा पार्टी भारत जोड़ों यात्रा को सफल बनाने पर पूरा ध्यान दे रही है और इसके लिए पूरी तरह तैयार है, क्योंकि यह लोगों को जोड़ने का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। काँग्रेस नेता कन्हैया लाल कुमार ने पार्टी की भारत छोड़ो यात्रा को लेकर दावा किया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा 1990 में रथ यात्रा सत्ता के लिए थी, लेकिन उनकी पार्टी की यह यात्रा सत्य के लिए है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ जो 118 भारत यात्री कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा करेंगे उनमें कन्हैया लाल भी शामिल हैं।  

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने तंज कसते हुए कहा है कि राहुल गांधी भारत जोड़ो नहीं भारत छोड़ो यात्रा के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जब इस यात्रा के माध्यम से देश में घूमेंगे तो पता चलेगा कि आठ साल में पीएम मोदी ने देश को कैसे बदल दिया और उनकी आखें खुल जाएंगी। भाजपा ने काँग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा को खोखला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी को एक नेता के रूप में स्थापित करने का एक प्रयास है। उन्होंने विपक्षी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह परिवार बचानेवाला अभियान हैं। भाजपा का कहना है कि यह देश को एकजुट करने के बारे में नहीं बल्कि राहुल को फिर से एक नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे है। भारत जोड़ों यात्रा पर भाजपा के तंज के बाद काँग्रेस ने भी पलटवार किया और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान आरएसएस की भूमिका को याद दिलाया। काँग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि, ‘भारत छोड़ो आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में था जिसमें संघियों ने कभी भाग नहीं लिया। हालांकि भारत जोड़ो यात्रा से काँग्रेस पार्टी को कितना फायदा मिलेगा वह तो 2024 का लोकसभा चुनाव में ही पता चलेगा।  

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