राहुल गांधी एक बार फिर “राजनीति सैर” पर दिखाई दिए। इस बार वे विदेश जाने के बजाय दिल्ली के आनंद विहार रेलवे पर कुलियों की लाल शर्ट और बिल्ला के साथ गप्पे मारते हुए पहियेदार बैग (टाली बैग) को सिर पर उठाये हुए थे। यह देश और उस कांग्रेस के लिए दुर्भाग्य की बात है जिसको यह समझ में नहीं आता है की किस चीज को सिर पर रखना है और किस चीज खींच ले जाना है। यह शख्स पीएम पद का दावेदार है। क्या जनता को ऐसा पीएम चाहिए जो कुछ समझने और समझाने में नाकाम हो। इतना ही नहीं, राहुल गांधी केवल इन कुलियों के बीच फोटो खिचाने गए थे। उन्होंने सत्ता में लौटने पर कुलियों के लिये क्या योजना लाएंगे या क्या करेंगे यह नहीं बताया।
कुलियों के कपड़ों वाली फोटो खुद राहुल गांधी ने अपने एक्स प्लेटफॉर्म पर शेयर की है। सबसे बड़ी बात तो यह कि राहुल गांधी टॉली बैग उठाये मुस्करा रहे हैं। यह कुलियों से पूछा जाना चाहिए कि जब वे यात्रियों के सामान सिर पर उठाते हैं तो क्या वे मुस्कराते हैं। या अपने गमछे से पसीना पोछते नजर आते हैं।यूथ कांग्रेस ने राहुल गांधी की फोटो शेयर की और लिखा कि ” सारी दुनिया का बोझ अपने माथे पर उठाने वालों के दिल का बोझ हल्का करने राहुल गांधी आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचे।”सबसे बड़ी बात यह है कि राहुल गांधी सबसे बड़ा बोझ कांग्रेस के लिए बने हुए हैं। जिसके भार से कांग्रेस दिन पर दिन अपनी जमीन खोती जा रही है।
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी जब आनंद विहार रेलवे पहुंचे तो यहां मौजूद कुलियों ने उन्हें लाल शर्ट पहने को दी जो कुलियों की ड्रेस होती है। इसके अलावा उनके हाथ पर कुलियों का बिल्ला भी बांधा गया जिसका नंबर 756 था।
बता दें कि इससे पहले भी राहुल गांधी ऐसे लोगों के साथ सैर सपाटा कर चुके जो प्रतिदिन कमा कर खाते हैं। उन्होंने इसी साल चंडीगढ़ का सफर तय ट्रक से किया था। इसके बाद जब वे अमेरिका गए थे तब भी अमेरिकी ट्रक में बैठे थे उससे बातचीत की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की दो पहिया बनाने वाले के दूकान पर भी गए थे औजार लेकर बाइक ठीक करते देखे गए थे। इसके आलावा उन्होंने हरियाणा में एक खेत में पहुंच गए थे जहां कुछ लोग धान की रोपाई कर रहे थे।बाद में इस खेत में काम करने वाली महिलाओं को सोनिया गांधी ने दिल्ली में बुलाकर उन्हें खाना खिलाया था। यह उस भारतीय नेता की कहानी है जो सोने का चमच लेकर पैदा हुआ और संसद में अपनी बात करके चला जाता है और सामने वाले नेता की बात नहीं सुनता है। यह जनता को तय करना चाहिए कि राहुल गांधी को ऐसे ही “राजनीति सैर” पर भेजते रहे है।
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