28 C
Mumbai
Monday, March 31, 2025
होमदेश दुनियाकांग्रेस के विशेषाधिकार हनन का नोटिस खारिज, सभापति ने कहा, गृह मंत्री...

कांग्रेस के विशेषाधिकार हनन का नोटिस खारिज, सभापति ने कहा, गृह मंत्री ने कोई उल्लंघन नहीं किया!

राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विधेयक पर जवाब देते वक्त पीएम केयर फंड को लेकर बयान दिया था। इसे लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस पेश किया।

Google News Follow

Related

देश की राज्यसभा में कांग्रेस की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन के नोटिस को सभापति जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया। सभापति ने कहा कि गृह मंत्री ने कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने अपने बयान को प्रमाणित करने के लिए 1948 की एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया था। इसमें कहा गया था कि एक कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत आपदा कोष के प्रबंधन का हिस्सा थे।

बता दें कि आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस के जवाब के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल में पीएम राहत कोष बनाया गया था और इस सरकार के कार्यकाल के दौरान, पीएम केयर फंड शुरू किया गया। कांग्रेस के शासनकाल में इस फंड पर सिर्फ एक परिवार का नियंत्रण था।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पर आरोप लगाने के लिए शाह के खिलाफ नोटिस पेश किया। यह विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया है।
नोटिस में कहा गया कि चर्चा के दौरान भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष (एनपीएमआरएफ) के कामकाज को लेकर आरोप लगाया। कांग्रेस ने गृह मंत्री पर सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया।

इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस का जवाब देते हुए कुछ टिप्पणियां करने के बाद अपने बयान को प्रमाणित किया था। गृह मंत्री ने 24 जनवरी 1998 को भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी एक प्रेस बयान का हवाला दिया।

इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पीएमएनआरएफ शुरू करने की घोषणा की थी, जिसे प्रधानमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और कुछ अन्य लोगों की एक समिति द्वारा प्रबंधित किया जाना था। मैंने इसे ध्यान से पढ़ा है। मुझे लगता है कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें-

बांग्लादेश: ‘राजनीतिक भ्रम’ की स्थिति, क्या होने वाली है शेख हसीना की वापसी? 

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,142फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
239,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें