केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा में आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान में की गई सर्जिकल और एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
शाह ने कहा कि पहले केवल अमेरिका और इजरायल ही अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब भारत भी उस सूची में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने आतंकवाद पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है। उरी और पुलवामा हमलों के बाद हमने पाकिस्तान में घुसकर करारा जवाब दिया।”
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाना एक ऐतिहासिक फैसला था, जिसने कश्मीर को भारत के बाकी हिस्से के साथ पूरी तरह से जोड़ दिया। उन्होंने कहा, “संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 370 को अस्थायी रखा था, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण इसे बरकरार रखा गया। 5 अगस्त 2019 को पीएम मोदी के नेतृत्व में इसे हटाने का साहसिक निर्णय लिया गया, जिससे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर टूट गई।”
शाह ने कहा कि पहले कश्मीर में त्योहारों के दौरान भी आतंकी हमलों का खतरा बना रहता था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। उन्होंने कहा, “पहले सरकारें चुप रहती थीं, वोट बैंक की राजनीति के चलते आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने से बचती थीं। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं, आतंकी गतिविधियों में भारी गिरावट आई है।”
गृह मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने तीन प्रमुख समस्याओं— जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर-पूर्व में उग्रवाद—को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा, “इन समस्याओं की वजह से बीते चार दशकों में 92,000 नागरिकों की जान गई, लेकिन पिछली सरकारों ने इनका संपूर्ण उन्मूलन करने का प्रयास नहीं किया। मोदी सरकार ने इन तीनों समस्याओं पर निर्णायक हमला किया है।”
शाह ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीरी युवाओं का आतंकवाद की ओर झुकाव लगभग खत्म हो गया है। उन्होंने कहा, “पहले आतंकियों के जनाजे बड़े स्तर पर निकाले जाते थे, लेकिन अब उन्हें गुमनामी में दफना दिया जाता है। आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों को सरकारी सुविधाओं से बाहर कर दिया गया है, ताकि कड़ा संदेश दिया जा सके।”
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अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत में देश की सुरक्षा में बलिदान देने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “हमारे वीर जवानों के बलिदान के कारण ही आज भारत 76 साल की आजादी के बाद दुनिया में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह सदन और यह देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।”
गृह मंत्री अमित शाह के इस भाषण ने स्पष्ट कर दिया कि मोदी सरकार आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगी। उन्होंनेकहा है की, अनुच्छेद 370 हटाने और सुरक्षा नीतियों में सुधार के कारण जम्मू-कश्मीर में हालात पहले से काफी बेहतर हो चुके हैं।