संदेशखाली का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरोधियों को दिखाया आईना !

"देश का दुर्भाग्य है की संवेदनशील मामलों में राजनीति तब होती है, जब देशवासियों को विशेषतः महिलाओं को पीड़ा होती है। यहा महिलाओं पर होते अत्याचार में विपक्ष का जो सलेक्टिव रवैय्या है, यह सलेक्टिव रवैया बहुत ही चिंताजनक है।"

संदेशखाली का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरोधियों को दिखाया आईना !

Referring to Sandeshkhali, Prime Minister Narendra Modi showed the mirror of condolence!

संसद अधिवेशन में विपक्ष की सलेक्टिव आउटरेज को लक्ष्य करते हुए कहा की, देश का दुर्भाग्य है की संवेदनशील मामलों में राजनीति तब होती है, जब देशवासियों को विशेषतः महिलाओं को पीड़ा होती है। यहा महिलाओं पर होते अत्याचार में विपक्ष का जो सलेक्टिव रवैय्या है, यह सलेक्टिव रवैया बहुत ही चिंताजनक है।

पश्चिम बंगाल में महिला के साथ हुई मारपीट के मामले पर सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, मैंने बंगाल से आयी कुछ तस्वीरों को देखा एक महिल को वहाँ सरेआम पिटा जा रहा था। वो बहन चीख रही है, लेकिन वहाँ खड़े लोगों में कोई उसकी मदद को नहीं आ रहा है खड़े लोग वीडिओ बनाने में लगे हुए है।

इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संदेशखाली का जिक्र करते हुए कहा जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े करने वाली है, लेकिन बड़े-बड़े दिग्गज जिन्हे में कल से सुन रहा हूँ उनके शब्दों में संदेशखाली को लेकर कोई पीड़ा नहीं दिख रही है। इससे बड़ी शर्मिंदगी का दुखद चित्र क्या हो सकता है, जो यहाँ अपने को प्रगतिशील नारी नेता मानते है वो भी मुँह पर ताले लगाकर बैठ गए क्योंकि उनके संबंध राजनीति या किसी राजनीतिक दल से है या उस राज्य से है। इसीलिए वो महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप है।

आगे उन्होंने कहा, जिस प्रकार ये दिग्गज लोग भी ऐसी बातों को नजरअंदाज करते है तब देश को तो पीड़ा होती ही है पर हमारी माताओं-बहनों को ज्यादा पीड़ा होती है। राजनीतिक और जहाँ इनकी राजनीति को अनुकूलता नहीं होती उनको साँप सूंघ जाता है।

बता दें की यह पहली बार नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के सलेक्टिव राजनीति पर तंज कसा है, पर यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में हो रहे महिला अत्याचारों के ऊपर खुलकर बात की है। देखना यह होगा की केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर ठोस कदम कब और कैसे अख्तियार करती है।

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