मुंबई। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर भाजपा नेता गोपीचंद पडलकर ने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार पर तंज कसा है कि ओबीसी के प्रति अचानक उनका प्यार कैसे उफन पड़ा है? ऐसा कहा जाता है कि वे स्वार्थ के बिना कुछ भी नहीं करते और कभी अपना यह स्वार्थ जाहिर भी नहीं करते। मैं उनसे केवल इतना ही कहना चाहता हूं कि यह सच है, केंद्र ने थाली परोस रखी है, पर आपके ही हाथ बंधे हुए हैं, आखिर बताओ ये हाथ क्यों बंधे हैं?
खुद के नाते-रिश्तेदारों की वजह से यह हालत
शरद पवार ने सोमवार को संवाददाता सम्मलेन में ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए 50 % आरक्षण की सीमा समाप्त करने, इंपीरिकल डेटा देने और जातिवार जनगणना कराए जाने की मांग की थी। पडलकर ने इस पर पवार की कसकर खबर लेते हुए कहा कि पवार के हाथ केंद्र की वजह से नहीं, बल्कि उनके खुद के नाते-रिश्तेदारों की वजह से बंधे हैं। हकीकत में पवार ने केवल भतीजे,पोते, बेटियों को राजनीति में पोसने का काम किया। जब भी वे सरकार का हिस्सा बने, अपनी करतूतों से मराठाओं के हक का आरक्षण खो बैठे। आज जो 2011 की जनगणना की रिपोर्ट मांग रहे हो, इसका खेल आपकी ही साझेदारी में बनी मनमोहन सिंह की सरकार ने किया है।
अपनी गलती छिपाने के लिए भटका रहे लोगों का ध्यान
उन्होंने कहा कि साझेदारी आपकी है, पाप आपका है और शोर मचाओ मोदी सरकार के नाम का! मैं जातिवादी विष बोने वालों से पूछना चाहता हूं कि आप ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के लिए जातिवार डेटा क्यों चाहते हैं, आपको इंपीरिकल डेटा चाहिए, इसके अलावा यह साबित करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है कि वे मराठा आरक्षण को लेकर पिछड़े हैं। यह अपनी गलती छिपाने के लिए लोगों का ध्यान भटकाने की तरकीब है, यह तरकीब अब कई बहुजन बच्चों को पता चल है कि जो मराठा आरक्षण की बात करते हुए भाग जाते हैं, भूमिका आज शरदचंद्र पवार भूमिका निभा रहे हैं।