पटना में आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के आवास के बाहर एक नाटकीय दृश्य देखने को मिला, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और मधुबन विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार मदन शाह ने टिकट न मिलने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। मदन शाह में निराशा में अपना कुर्ता फाड़वा लिया, सड़क पर लेटकर रोने लगे और पार्टी नेतृत्व पर टिकट वितरण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। यह घटना कुछ ही मिनटों में वायरल हो गई और वहां मौजूद भीड़ में अफरातफरी मच गई।
लालू आवास के सामने कुर्ता फाड़कर फूट-फूटकर रो पड़े मधुबन विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी मदन साह!
मदन शाह ने संजय यादव पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है…चाराचोर पिता पुत्र मिलकर कार्यकताओं को लूटने में लगे हैं । pic.twitter.com/SlomXx8JX3
— Abhishek Tiwari (@lkoabhishek) October 19, 2025
सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे वीडियो में मदन शाह को लालू यादव के घर के बाहर ज़मीन पर गिरकर रोते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने उनका टिकट इसलिए काट दिया क्योंकि उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया। शाह ने सीधे तौर पर राज्यसभा सांसद संजय यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कैश लेकर टिकट की दलाली की और मधुबन सीट डॉ. संतोष कुशवाहा को सौंप दी गई।
भावनाओं से भरे मदन शाह ने कहा,“पार्टी अब ईमानदार और मेहनती कार्यकर्ताओं को नहीं, बल्कि पैसों वालों को तवज्जो दे रही है। मैंने सालों तक पार्टी के लिए काम किया, लेकिन अब टिकट बिक रहे हैं।” एक अन्य वीडियो में शाह को लालू प्रसाद यादव की गाड़ी के पीछे भागते हुए भी देखा गया, जब वे अपने आवास पर पहुंचे। कुछ देर बाद सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्हें वहां से हटाया गया ताकि स्थिति सामान्य हो सके।
Madan Shah, a distressed supporter of Lalu Yadav, publicly expressed his frustration by tearing his clothes and breaking down, claiming that Tejashwi Yadav is arrogant and inaccessible.
Shah alleged that despite promises from Lalu and Tejashwi to give him a ticket for the… pic.twitter.com/qoojS8HrVR
— durgeshkdubey (@ToolsTech4All) October 19, 2025
घटना के बाद से राजद के टिकट वितरण पर पारदर्शिता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी के अंदरूनी असंतोष के इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है, जहां कई लोग कह रहे हैं कि यह ‘संगठन के भीतर चल रहे गुटबाज़ी और पैसे के खेल’ को उजागर करता है।
राजद नेतृत्व ने अब तक इस पूरे प्रकरण पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन मदन शाह का यह विरोध बिहार में चुनावी राजनीति के बीच पार्टी के भीतर की ख़त्म हो चुकी नीतिमत्ता दर्शाता है।
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