शिवसेना सांसद संजय राउत इन दिनों ईडी की हिरासत में हैं| इस दौरान संजय राउत की समस्या बढ़ती दिखाई दे रही है| शिवसेना के मुखपत्र में आये ‘सामना’ में रविवार को संजय राऊत की ओर से ‘रोकठोक’ कालम के माध्यम से एक लेख प्रकाशित किया गया है| उक्त लेख संजय राउत ने जेल में कैसे लिखे? अब सवाल उठने लगा है|
ईडी अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले संजय राउत की जांच करेगी| ईडी की ओर से कहा गया कि जेल में कोर्ट की अनुमति के बगैर लेख लिखना कानून का उल्लंघन है|संजय राउत जेल में रहते हुए कोई लेख या किसी भी प्रकार लेखन नहीं कर सकते हैं|इसके लिए उन्हें कोर्ट से विशेष अनुमति लेनी होगी और संजय राउत इस प्रकार की कोई अनुमति अभी तक दिया गया नहीं है,जिसके कारण इस मामले में ईडी अधिकारी की ओर से संजय राउत की ओर छानबीन की जाएगी|
राजस्थानी और गुजराती समाज चला गया तो मुंबई और महाराष्ट्र में पैसा नहीं बचे| यह भाषण राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान गत दिनों पहले दिए थे| राज्यपाल के बयान को लेकर रविवार को प्रकाशित सामना के ‘रोकठोक’ कालम में संजय राउत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी|
बता दें कि गत दिनों पहले राजस्थानी और गुजराती समाज के चले जाने के बाद मुंबई और महाराष्ट्र में पैसा नहीं रह पायेगा| राज्यपाल के इस तरह के वक्तव्य के बाद राज्य की सियासत गरमा गयी थी| अन्तोगत्वा भगत सिंह कोश्यारी को माफ़ी तक मांगनी पड़ी थी| इसके बावजूद रविवार को प्रकाशित ‘रोकठोक’ के माध्यम से संजय राउत ने राज्यपाल हमला बोला था| संजय राउत ने अपने लेख में लिखा की जब मराठी व्यवसायिक चीनी मील और अन्य उद्योग चलाने का प्रयत्न करता है तब ईडी उस पर कार्रवाई करती है इस पर राज्यपाल क्यों नहीं बोलते हैं|
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