मनसे नेता जावेद शेख के बेटे पर लगे दुर्व्यवहार और धमकी के आरोपों के बाद मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। इसी मुद्दे पर अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने मनसे और उसकी कार्यशैली पर निशाना साधा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत का संविधान किसी को धमकी देने या मारने की इजाज़त नहीं देता।
रोहित पवार ने मीडिया से कहा, “अगर बात करनी है तो शांति से करें, बातचीत से रास्ता निकालें। संविधान से बड़ा कुछ नहीं है। महाराष्ट्र की भाषा मराठी एक संस्कृति है, उसका सम्मान होना चाहिए। लेकिन किसी को डराना-धमकाना या हिंसा करना बिल्कुल गलत है। हम इस तरह की धमकी की राजनीति का समर्थन नहीं करते।”मनसे नेता के बेटे द्वारा यूट्यूबर राजश्री मोरे से कथित बदसलूकी के बाद से भाषा और क्षेत्रवाद का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है।
उन्होंने भाजपा पर ‘भेदभाव की राजनीति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे बयानों से केवल समाज में विभाजन की खाई बढ़ती है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के वक्फ बोर्ड को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा, “आज वक्फ बोर्ड की ज़मीनों में कई अमीरों की दिलचस्पी है। अगर वक्फ की ज़मीनें किसी बिजनेस के लिए दी जा रही हैं या गलत हाथों में जा रही हैं तो यह चिंता का विषय है। जमीन उसी के पास रहनी चाहिए, जो उसका असली हकदार है। अगर इसमें गड़बड़ी हो रही है तो उसके खिलाफ आवाज़ उठाना ज़रूरी है।”
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