छत्तीसगढ़ के डिप्टी मुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन को दिए गए इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक संस्कार देने वाला और विचार निर्माण करने वाला संगठन है, जो व्यक्ति को चरित्र की शिक्षा देता है।
डिप्टी सीएम अरुण साव ने सोमवार (17 मार्च) को मीडिया से बातचीत में कहा, “आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो व्यक्ति को अच्छे विचार और मजबूत चरित्र निर्माण का अवसर देता है। जो भी इस संगठन से जुड़े, उन्हें नैतिकता और राष्ट्रवाद की शिक्षा मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने पॉडकास्ट में संघ को लेकर अपने अनुभव साझा किए हैं, जो उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा राष्ट्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी एक अनुभवी राजनेता हैं, और उन्होंने संघ के संबंध में जो बातें पॉडकास्ट में साझा की हैं, वे संघ की मूल विचारधारा को सही रूप में प्रस्तुत करती हैं।”
गौरतलब है कि रविवार को प्रसिद्ध अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक तीन घंटे लंबा इंटरव्यू लिया। इस दौरान पीएम मोदी से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रभाव को लेकर सवाल किया गया, जिसका उन्होंने विस्तार से उत्तर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनके गांव में आरएसएस की शाखा लगती थी, जहां खेलकूद, देशभक्ति के गीत और सामूहिक गतिविधियां होती थीं। इन गतिविधियों से उन्हें संघ के विचारों की ओर झुकाव हुआ। उन्होंने कहा, “संघ के संस्कार मुझे मिले कि जो भी करूं, वह देश के काम आए। मेरी पढ़ाई, मेरी मेहनत, मेरा स्वास्थ्य—सब कुछ देश की सेवा के लिए होना चाहिए।”
पीएम मोदी ने बताया कि संघ का उद्देश्य समाज सेवा है और इसका विस्तार पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि संघ को समझना आसान नहीं है, बल्कि इसके कार्यों को देखने और समझने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि संघ के कार्यकर्ता बिना किसी सरकारी सहायता के गरीबों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की मदद करते हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि सेवा भारती नामक संगठन गरीबों की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए कार्य करता है। संघ की विचारधारा के बारे में उन्होंने कहा, “संघ का मुख्य विचार यही है कि देश सबसे पहले है और जनसेवा ही प्रभु सेवा है।”
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प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने वाले हैं और यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन चुका है, जिससे करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई हैं। बीजेपी के नेताओं ने इसे संघ की विचारधारा की सटीक व्याख्या बताया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे एक विशेष राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित बताया है। हालांकि, डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि संघ किसी विशेष राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीयत्व के विचारों को समाज में ले जाने वाला संगठन है, जिसका उद्देश्य समाज को संगठित और सशक्त बनाना है।