RSS सरसंघचालक ने विरोधियों पर साधा निशाना; बोले श्रीराम बहुसंख्यक समाज के आराध्य देव हैं!

आज के अभूतपूर्व उत्सव के अवसर पर इन सभी स्मृतियों को प्रकाश में लाते हुए, मंदिर को ध्वस्त करने के पीछे आक्रमणकारियों का सटीक उद्देश्य क्या था? इस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपना पक्ष रखा| 

RSS सरसंघचालक ने विरोधियों पर साधा निशाना; बोले श्रीराम बहुसंख्यक समाज के आराध्य देव हैं!

RSS Sarsanghchalak targets opponents; Said Ramlala...!

22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है| विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उनके अन्य संगठनों ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। इन संगठनों ने राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए लड़ाई लड़ी, जबकि साधु मंहतों ने लंबी अदालती लड़ाई लड़ी। आज के अभूतपूर्व उत्सव के अवसर पर इन सभी स्मृतियों को प्रकाश में लाते हुए, मंदिर को ध्वस्त करने के पीछे आक्रमणकारियों का सटीक उद्देश्य क्या था? इस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपना पक्ष रखा|
यह समाज को हतोत्साहित करने की साजिश है: भारत का इतिहास डेढ़ हजार वर्षों तक विपक्षी संघर्ष का इतिहास रहा है। भागवत ने कहा,आक्रमणकारियों का उद्देश्य लूटना और अपना राज्य स्थापित करना था। इस्लाम के नाम पर पश्चिम से आक्रमण कर अनेक मंदिरों को नष्ट कर दिया गया। इसके पीछे उद्देश्य भारत और उसके समाज को हतोत्साहित करना था। अयोध्या में राम मंदिर का विध्वंस भी इसी का हिस्सा था| हमलावरों का मकसद सिर्फ अयोध्या में राम मंदिर को गिराना नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मंदिरों को तोड़ना था|
भारतीय शासकों ने आक्रमण नहीं किया: भारतीय शासकों ने इस तरह से आक्रमण नहीं किया, लेकिन दुनिया में कई शासकों ने अपने राज्य का विस्तार करने के लिए इस तरह के आक्रमण और कार्य किए हैं। लेकिन उनकी उम्मीदों का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सका, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी।
श्री राम सबके आदर्श हैं: श्री राम की जन्मस्थली पर मंदिर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए गए। इसमें बहुत संघर्ष और बलिदान देना पड़ा। राम जन्मभूमि का मुद्दा हिंदुओं के मन में घर कर गया|उन्होंने जवाब दिया, धार्मिक दृष्टि से श्रीराम बहुसंख्यक समाज के आराध्य देव हैं।
विरोधियों के छिदे कान: भगवान श्रीराम बहुसंख्यक समाज के आराध्य देव हैं।इसलिए बेवजह उसका विरोध न करें| ये अब खत्म होना चाहिए| इसमें पैदा हुई दरार को दूर किया जाना चाहिए|उन्होंने समाज के प्रबुद्ध लोगों से अपील की कि यह विवाद कैसे पूरी तरह खत्म होगा|
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